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‘फिर बाप को डांटना पड़ता है’, इजरायल-ईरान सीजफायर पर ट्रंप और NATO महासचिव ने लिए मजे

ट्रंप ने इजरायल और ईरान युद्धविराम उल्लंघन को लेकर लाइव टीवी में गाली दी। इस पर अब ट्रंप ने सफाई देते हुए कहा कि वे दोनों स्कूली बच्चों की तरह लड़ रहे थे। तभी चुटकी लेते हुए नाटो महासचिव ने कहा- …फिर डैडी को डांटना पड़ता है।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानWed, 25 June 2025 08:10 PM
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‘फिर बाप को डांटना पड़ता है’, इजरायल-ईरान सीजफायर पर ट्रंप और NATO महासचिव ने लिए मजे

मध्य-पूर्व में 12 दिनों तक चले इजरायल-ईरान संघर्ष के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे घटनाक्रम पर विवादास्पद टिप्पणी की और लाइव टीवी के दौरान उनके मुंह से गाली निकली। अब इस मामले में उन्होंने सफाई दी है। NATO समिट के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि इजरायल और ईरान "स्कूल के दो बच्चों" की तरह लड़ रहे थे और कभी-कभी उन्हें काबू में लाने के लिए "कड़े शब्दों" की जरूरत होती है। ट्रंप के इस बयान की चुटकी लेते हुए नाटो महासचिव मार्क रुटे ने कहा- ...फिर डैडी (बाप) को डांटना भी पड़ता है।

ट्रंप ने अपने लाइव इंटरव्यू में ‘F-शब्द’ का प्रयोग करने को भी सही ठहराते हुए कहा, “कभी-कभी आपको एक विशेष शब्द का उपयोग करना ही पड़ता है।” उन्होंने कहा, “इजरायल और ईरान इतने लंबे समय से लड़ रहे हैं कि उन्हें खुद नहीं पता कि वो क्या कर रहे हैं। आप जानते हैं... वे ऐसे लड़ते हैं जैसे दो बच्चे स्कूल के मैदान में। दो-तीन मिनट उन्हें लड़ने दो, फिर उन्हें रोकना आसान होता है।”

डैडी को डांटना भी पड़ता है...

NATO महासचिव मार्क रुटे ने बीच में हल्के अंदाज़ में कहा, “और फिर डैडी को कभी-कभी कड़ी भाषा इस्तेमाल करनी पड़ती है।” जिस पर ट्रंप ने जवाब दिया, “बिलकुल, और वह शब्द ज़रूरी था।” इस बयान पर सोशल मीडिया पर हलचल मच गई, जहां लाइव टीवी पर ‘F-word’ के इस्तेमाल को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं।

ईरान पर बमबारी से युद्ध समाप्त किया

ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर की गई बमबारी ने इस युद्ध को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा, “वो हमला ही युद्ध का अंत था। मैं हिरोशिमा या नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन यह वैसा ही था। अगर हमने वह हमला नहीं किया होता, तो आज भी वे लड़ रहे होते।”

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ऑपरेशन मिडनाइट हैमर

पिछले सप्ताह अमेरिका के सात B-2 बॉम्बर्स ने ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान में मौजूद परमाणु स्थलों पर 13,000 किलो वजनी 'बंकर-बस्टर' बम गिराए थे। इस मिशन को "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" नाम दिया गया था। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा, “30,000 पाउंड विस्फोटक से फोर्दो के नीचे तबाही मची। जिन रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नुकसान कुछ महीनों का था, वे दूसरी मंशा से प्रेरित हैं।”

हालांकि, डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की रिपोर्ट में कहा गया था कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सिर्फ कुछ महीनों के लिए ही पीछे धकेला है। इस पर ट्रंप ने पलटवार करते हुए कहा, “वे नहीं जानते... हमें बताया गया कि यह पूरी तरह खत्म कर दिया गया। यह पूर्ण विनाश था।”

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