तेजस्वी ने निकाल ली नवादा में राजबल्लभ की काट? कौशल-पूर्णिमा यादव और सलमान राजद में शामिल होंगे
बिहार चुनाव के मद्देनजर नवादा सीट पर सियासी समीकरण साधने के लिए तेजस्वी यादव ने राजबल्लभ यादव की काट निकाल ली है। जदयू के पूर्व एमएलएस सलमान रागीव, पूर्व विधायक कौशल यादव और पूर्णिमा यादव जल्द आरजेडी में शामिल होंगे। इसकी जानकारी पार्टी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हर सियासी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गया है। ऐसे में महागठबंधन का नेतृत्व कर रही आरजेडी भी अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है। इसी कड़ी में अब नवादा में तेजस्वी यादव ने राजबल्लभ की काट निकाल ली है। दरअसल आरजेडी के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव जेल में बंद है। हालांकि अभी वो 15 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर हैं। उनकी छवि नवादा में बाहुबली जैसी है। कहा जाता है कि कभी आरजेडी के वो कद्दावर नेता हुआ करते थे। लेकिन 2016 में नाबालिग लड़की ने राजबल्लभ यादव पर रेप का आरोप लगाया था। जिसके बाद वो उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
इस बीच बताया जा रहा है कि नवादा से जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व एमएलसी सलमान रागीव, जदयू के पूर्व विधायक कौशल यादव और पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव आरजेडी में शामिल होंगे। जिसकी जानकारी आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति यादव ने दी । नवादा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शक्ति यादव ने कहा कि 9 जुलाई को आईटीआई परिसर में तेजस्वी यादव का कार्यक्रम होगा। जिसमें तीनों नेताओं के शामिल होने की बात कही गई है। इस बैठक में सलमान रागीव भी मौजूद थे। अगर ये तीनों नेता आरजेडी में आते हैं, तो जेडीयू के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि बिहार में बदलाव की लहर चल रही है, और तेजस्वी यादव को सीएम बनाना है। आपको बता दें 2020 के चुनाव में नवादा से आरजेडी की विभा देवी ने जीत दर्ज की थी। उन्होने निर्दलीय श्रवण कुमार को मात दी थी। इससे पहले 2015 में राजद के राजबल्लभ यादव ने आरएलएसपी के इंद्रदेव 16 हजार से ज्यादा वोटों से को हराया था।
लेकिन राजबल्लभ को सजा होने के बाद इस सीट पर हुए उप-चुनाव में जदयू के कौशल यादव यहां से जीतकर विधायक बने। राजबल्लभ 1995 में निर्दलीय और 2000 में राजद के टिकट पर चुनाव में जीते थे। 2010 में जदयू की पूर्णिमा यादव यहां से तीसरी बार जीतकर विधायक बनीं थीं. इससे पहले उन्होंने फरवरी और अक्टूबर 2005 और 2010 में निर्दलीय जीत दर्ज की थी।