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साइबर क्राइम कंट्रोल की ब्रांड एंबेसेडर बनेंगीं बेटियां; यूनिसेफ, एनसीईआरटी और बीईपी की पहल

एक्सपर्ट से ट्रेनिंग लेकर बेटियां अपने क्षेत्र में लोगों को डिजिटल साक्षर बनाएंगीं ताकि आमजन और बच्चे साइबर अपराधियों के झांसे में नहीं फंसें। बिहार में साइबर फ्रॉड के झांसे में आने वालों की संख्या बहुत बड़ी है।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाताSat, 28 June 2025 10:04 AM
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साइबर क्राइम कंट्रोल की ब्रांड एंबेसेडर बनेंगीं बेटियां; यूनिसेफ, एनसीईआरटी और बीईपी की पहल

बढ़ते साइबर क्राइम से बचाने को स्कूली बेटियां ब्रांड एंबेसेडर बनेंगी। प्रखंड स्तर पर ये छात्राएं स्कूलों में चलने वाले कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगी। स्कूलों में नशीली पदार्थों से बचाने को भी विशेष अभियान चलेगा। सूबे के अलग-अलग जिलों के 10 एक्सपर्ट को इसके लिए रिसोर्स पर्सन बनाया गया है। एक्सपर्ट से ट्रेनिंग लेकर बेटियां अपने क्षेत्र में लोगों को डिजिटल साक्षर बनाएंगीं ताकि आमजन और बच्चे साइबर अपराधियों के झांसे में नहीं फंसें। बिहार में साइबर फ्रॉड के झांसे में आने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। कुछ लोग करोड़ों तक गंवा चुके हैं। कई लोगों की जान भी जा चुकी है।

राज्य स्तर पर 26 और 27 जून को इन रिसोर्स पर्सन को कोर्स मॉड्यूल के बारे में ट्रेनिंग दी गई। ये रिसोर्स पर्सन जिलों में आकर अब जुलाई से शिक्षकों और ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर चयनित बेटियों को ट्रेंड करेंगे। एससीईआरटी, यूनिसेफ और बिहार शिक्षा परियोजना के कोर्स मॉड्यूल पर इन्हें ट्रेनिंग मिलेगी।

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ब्रांड एंबेसेडर बच्चियां करेंगी स्कूली बच्चों को डिजिटल साक्षर

राज्य स्तर पर रिसोर्स पर्सन के तौर पर चयनित मुजफ्फरपुर के एकमात्र एक्सपर्ट गोपाल फलक ने बताया कि 9वीं-12वीं की बच्चियों के बीच से दो-दो बच्चियों का चयन कर उन्हें ट्रेंड करना है। कोशिश करनी है कि हर स्कूल से दो-दो बच्चियां चयनित की जाएं। ये सभी मिलकर प्रखंड स्तर पर मॉनिटरिंग भी करेंगी। इन बच्चियों पर स्कूल के अन्य बच्चों को शिक्षकों के नेतृत्व में डिजिटल साक्षर बनाने की जवाबदेही रहेगी। इन बच्चियों को शोध कौशल, ऑनलाइन संचार, मिडिया साक्षरता, डिजिटल नागरिकता, सामग्री निर्माण से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें विश्वसनीय श्रोत की खोज करना, ईमेल-वीडियो कांफ्रेंसिंग आदि का प्रभावी उपयोग, डिजिटल सामग्री को गंभीरता से समझना, सुरक्षित नैतिक और जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार का अभ्यास करना, अन्य डिजिटल सामग्री बनाना जैसी चीजें शामिल हैं।

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साइबर हाइजीन के बारे में बच्चियां करेंगी जागरूक

साइबर हाइजीन को लेकर विभाग की ओर से कोर्स मॉड्यूल बनाया गया है। गोपाल फलक ने बताया कि साइबर क्राइम की जद में तेजी से बच्चे आ रहे हैं। ऐसे में इन बच्चों को ही माध्यम बनाकर बच्चों को जागरूक करने की पहल की गई है। बच्चियों को लगतार राज्य स्तर के रिसोर्स पर्सन गाइड भी करेंगे। यह देखा गया है कि 2018 से तेजी से बच्चों के नशे के गिरफ्त में आने का आंकड़ा बढ़ा है। इन चीजों पर भी ब्रांड एंबेसेडर बेटियों के माध्यम से काम होगा।

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