हमको डराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ.., अशोक चौधरी के केस करने पर बोले प्रशांत किशोर
इधर मानहानि का केस दर्ज होने पर प्रशांत किशोर की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अशोक चौधरी के मानहानि के मुकदमे के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि हमको मानहानि, मुकदमा और FIR से डराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है।

जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर कानूनी पचड़े में फंस सकते हैंं। दरअसल नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर पर पटना सिविल कोर्ट में केस दर्ज करवाया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने पीके के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवाया है। अशोक चौधरी ने ‘लाइव हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि प्रशांत किशोर ने जो कहा है कि उन्होंने लेन-देन करके अपनी बेटी शांभवी चौधरी के लिए लोकसभा चुनाव का टिकट लिया है तो उन्हें ये बात साबित करनी होगी या फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी।
अशोक चौधरी ने बताया कि उन्होंने प्रशांत किशोर को लीगल नोटिस भेजा था जिसका जवाब आया लेकिन वो संतोषजनक नहीं था। उन्होंने पटना के कोर्ट में प्रशांत किशोर पर मानहानि का क्रिमिनल केस किया है। चौधरी ने कहा कि वो तीस साल से राजनीति में हैं और कोई इस तरह उनकी इमेज को खराब नहीं कर सकता
प्रशांत किशोर क्या बोले…
इधर मानहानि का केस दर्ज होने पर प्रशांत किशोर की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अशोक चौधरी के मानहानि के मुकदमे के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि हमको मानहानि, मुकदमा और FIR से डराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है। जिनका आप नाम ले रहे हैं, वे जितनी बार चाहे मानहानि, एफआईआर कर दें।'
पीके ने कहा, ‘प्रशांत किशोर किसी से डरने वाला दिखता है! हम कोई बालू-शराब माफिया हैं, किसी सरकारी पद पर हैं। डंके की चोट पर तीन साल से ये अभियान चला रहे हैं। अभी हम यहां आएं हैं और देख लीजिए हमारे साथ एक हवलदार तक नहीं है। जिस बिहार में लोग मुखिया बनने के बाद 4 गन मैन सुरक्षा के नाम पर लेकर घूमते हैं। उसी बिहार में 3 साल से मैं पैदल चल रहा हूं और 1 सिपाही तक नहीं लिया।’
प्रशांत किशोर ने कहा कि हम किसी से डरने वाले हैं, गांधी मैदान में इसी सरकार ने रात के अंधेरे में 3 बजे मुझे उठा लिया। 20 थाने के लोग मुझे अरेस्ट कर कोर्ट में लेकर गए। क्या हुआ, मुझे छोड़ दिया। जब हमने कोई गलती नहीं की तो कोई बिहार में खड़े होकर नहीं कह सकता है कि हमने किसी से 1 रुपया भी लिया हो। कोई ये नहीं कह सकता है कि हमने कोई गलत काम किया है। कोई ये नहीं कह सकता है हम किसी से गाली-गलौज कर रहे हैं।
हमने बीपीएससी के बारे में कहा कि बीपीएससी के जरिए नौकरी बेची जा रही है। कौन नहीं जानता कि यहां पर नौकरी बेची जा रही है। अशोक चौधरी की बेटी को पैसे देकर टिकट बेचने के मामले पर प्रशांत किशोर ने कहा कि ये पूरे बिहार में सरेआम चर्चा है। ये प्रशांत किशोर को कहने की जरूरत नहीं है। बिहार के गांव-गांव में चर्चा है, जमीन के सर्वे में सरेआम पैसा लिया जा रहा है।
माफी मांगें पीके- अशोक चौधरी…
इधर प्रशांत किशोर पर मानहानि का मुकदमा दायर करने के बाद अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर को लीगत नोटिस भेजा गया था। इसपर उनका जो जवाब आया वो संतोषजनक नहीं था और ऐसा लगता है कि वो अपनी गलती नहीं मामन रहे हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि या तो प्रशांत किशोर साबित करनें कि हमने अपनी बेटी को पैसा देकर टिकट दिलाया या फिर वो अपनी इस बात के लिए माफी मांगें। आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने कुछ समय पहले एक प्रेस वार्ता में कहा था, ‘उनका (अशोक चौधरी का राजनीतिक चरित्र क्या है, सबको पता है। उन्होंने टिकट खरीदकर अपनी बेटी (शांभवी चौधरी) को सांसद बनवाया है।’
अशोक चौधरी ने कहा, हम ऐसे समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसको लंबे समय तक आवाज नहीं थी। हमारे माता-पिता ने अगर हमको पढ़ाया-लिखाया है और हम इतने लंबे समय से राजनीति में हैं तो हम अगर चुप रह जाएंगे तो गरीब लोग कैसे समझेंगे कि अपने हक के लिए लड़ाई कैसे होता है। इसलिए हम तो पूरी तरह से लड़ेंगे। पिछड़े और दलितों के खिलाफ यह जो मानसिकता है इसको तो बंद करना पड़ेगा ना। आप कुछ भी बोल कर कर नहीं जा सकते हैं। हम बाहुबली तो हैं नहीं कि जाकर उनके यहां झगड़ा करें। इसलिए हमको जो संविधान में अधिकार प्राप्त है उसका हम प्रयोग करेंगे। हम कोर्ट में हमने केस फाइल किया। केस एडमिट हुआ है फिर एक डेट पड़ेगा तो आएंगे और बताएंगे।
जब प्रशांत किशोर राजनीति में पैदा नहीं हुए तब से कर रहे राजनीति- अशोक चौधरी
हम तो सुप्रीम कोर्ट तक इस बात के लिए लड़ेंगे। हम छोड़ेंगे नहीं। मेरे पिताजी 9 बार विधायक रहे हैं। किसी को कोई चोर बोल देगा। कोई आपको व्यापारी बोल देगा। कोई आपको बोल देगा कि आप राजनीति कर रहे हैं पैसों के बल पर। जिस समय से प्रशांत किशोर राजनीति में पैदा नहीं हुए थे उस समय से हम और हमारा परिवार राजनीति कर रहा है। वर्ष 2000 में प्रशांत किशोर कहां थे, 2014 में तो इनका पदार्पण हुआ है। इसके पहले तो वो राजनीतिक पार्टियों का बिजनेस करते थे।