गाड़ी के टायर्स को इन 3 टिप्स से रखें सेफ, बारिश में भी मजेदार रहेगी ड्राइव; बार-बार पंचर भी नहीं होगा
मानसून देशभर में फेल चुका है। यानी कार ड्राइव करने में अब हल्का खतरा बढ़ गया है। बारिश में ड्राइव करना काफी मुश्किल काम होता है। खासकर जब सड़कों पर पानी भर जाए तो मुश्किल और भी बढ़ जाती है। ऐसे में फोर-व्हीलर और टू-व्हीलर्स की सेफ ड्राइविंग के लिए उसके टायर्स का सही रहना काफी जरूरी है।

मानसून देशभर में फेल चुका है। यानी कार ड्राइव करने में अब हल्का खतरा बढ़ गया है। बारिश में ड्राइव करना काफी मुश्किल काम होता है। खासकर जब सड़कों पर पानी भर जाए तो मुश्किल और भी बढ़ जाती है। ऐसे में फोर-व्हीलर और टू-व्हीलर्स की सेफ ड्राइविंग के लिए उसके टायर्स का सही रहना काफी जरूरी है। इस मौसम में हर जगह बारिश, कीचड़ जलभराव हो जाता है, जिसकी वजह से टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर भी स्किड होने लगते हैं। बारिश के मौसम में टायर के पंक्चर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। सड़कों की गिट्टी उखड़ जाती है जो गाड़ी के टायर के लिए काफी मुसीबत पैदा कर देती है। हालांकि, कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो गाड़ी को फिसलने और पंक्चर होने से बचाया जा सकता है।
1. ड्राइवर का कंट्रोलिंग होना
बारिश के दिनों में सड़क पर कार की रफ्तार कितना हो, ये बात भी काफी अहम है। हाईवे पर 80kmph से ज्यादा की रफ्तार नहीं होनी चाहिए। गाड़ी की स्पीड धीरे रहने पर वह पूरी तरह कंट्रोल में रहती है और स्किड होने के खतरे से भी बची रहती है। ऐसे में फिसलन वाली सतह पर स्टीयरिंग अचानक से न घुमाएं। अचानक से एक्सीलेटर नहीं बढ़ाएं। ब्रेक धीरे से लगाएं। ताकि ब्रेक लगाने पर गाड़ी अपनी लाइन से बाहर नहीं जाए।
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2. रोड की कंडीशन
बारिश में ज्यादातर सड़कें खराब हो जाती हैं। सड़क की उखड़ी हुई गिट्टी पर टायर की ग्रिप कमजोर हो जाती है। ऐसे में जब गाड़ी ज्यादा स्पीड में होती है और ब्रेक लगाते हैं तब वो स्किड कर जाती हैं। गाड़ी स्किड होने की वजह से कई बार हादसे भी हो जाते हैं। खेत से लगी सड़कों पर कीचड़ हो जाने से भी फिसलन के चान्स बढ़ जाते हैं। सड़क मोड़ पर रेत या बजरी से फिसलन होने लगती है।
3. गाड़ी के टायर की कंडीशन
किसी भी गाड़ी के टायर्स घिसे हुए नहीं होने चाहिए। टायर में 3mm के थ्रेड्स का होना जरूरी है क्योंकि रोड पर इनकी ग्रिप बेहतर होती है। अगर टायर्स में हवा का प्रेशर सही नहीं तो टायर्स के पंक्चर होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। इतना ही नहीं गाड़ी के फिसलने के चांस भी बढ़ जाते हैं इसलिए टायर्स में हवा का प्रेशर एक दम सही होना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि टायर्स में हवा उतनी ही होनी चाहिए जितनी कंपनी की तरफ से बताई जाती है।
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