ढाई साल तक शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान रहेंगे ये राशि वाले
शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलते हैं और ढाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं, जिस वजह से शनि के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। जब शनि राशि परिवर्तन करते हैं तब तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती लग जाती है और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाती है।

Shani Sade Sati : शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलते हैं और ढाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं, जिस वजह से शनि के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। जब शनि राशि परिवर्तन करते हैं तब तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती लग जाती है और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाती है। शनि जिस राशि में राशि परिवर्तन करते हैं उस पर और उससे एक राशि आगे और एक राशि पीछे पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। शनि की साढ़ेसाती साढ़े सात साल की होती है। वहीं शनि के राशि परिवर्तन के समय शनि जिस राशि से चौथे या आठवें भाव में होते हैं, तब उस राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाती है। शनि की ढैय्या ढाई साल की होती है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जरूर लगती है।
ढाई साल तक इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या- आने वाले ढाई साल तक कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और सिंह, धनु राशि पर शनि की ढैय्या रहेगी। इस समय कुंभ राशि के साथ ही मीन और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। शनि की साढ़ेसाती मेष राशि पर आने वाले साढेसात साल तक रहेगी और मीन राशि वालों पर आने वाले 5 साल तक।
शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए करें ये उपाय-
हनुमान जी की पूजा- हनुमान जी की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम हो जाता है। शनिदेव ने हनुमान जी को वरदान दिया है कि हनुमान जी के भक्तों पर शनि का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें और भगवान श्री राम और माता सीता के नाम का सुमिरन करें।