12 दिनों तक चले इस युद्ध में दोनों पक्षों ने जीत का दावा किया है, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि ईरान के साथ-साथ इजरयाल को भारी मानवीय और सैन्य नुकसान के साथ-साथ भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है