उत्तराखंड में आफत की बारिश, नदी-नाले भरे, गांव से पलायन कर रहे लोग; आज भी अलर्ट
उत्तराखंड में मॉनसून की भारी बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन का कहर बरपाया। आज भी कई इलाकों में अलर्ट है। भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं कई सड़कें बंद हैं।

उत्तराखंड में मॉनसून ने इस बार समय से पहले दस्तक दे दी है और इसके साथ ही बारिश का रौद्र रूप भी देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग (IMD) के ताजा अपडेट के मुताबिक, आज राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक, बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है, और कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। आइए, एक नजर डालते हैं उत्तराखंड के मौसम और मॉनसून की ताजा स्थिति पर।
आफत बनकर बरस रहा है मॉनसून
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल मॉनसून ने उत्तराखंड में 20 जून को ही दस्तक दे दी, जो पिछले साल (27 जून) की तुलना में एक सप्ताह पहले है। कुमाऊं क्षेत्र से प्रवेश करने वाला मॉनसून तेजी से पूरे राज्य में फैल गया, जिसमें हरिद्वार के कुछ हिस्सों को छोड़कर सभी 12 जिले इसके प्रभाव में हैं। आईएमडी के वैज्ञानिक बिक्रम सिंह ने बताया, 'मॉनसून इस बार तेज गति से आगे बढ़ रहा है और अगले कुछ दिनों तक बारिश की गतिविधियां और तेज होंगी।'
भारी बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट
आज उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, चमोली, और अल्मोड़ा जैसे जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, चम्पावत, और ऊधम सिंह नगर में येलो अलर्ट है, जहां 50 किमी/घंटा तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और मैदानी क्षेत्रों में जलभराव की चेतावनी दी है। देहरादून में आज अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 22 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है, लेकिन बारिश के कारण तापमान 20 डिग्री जैसा महसूस हो सकता है।
बाढ़ जैसे हालात: नदियां उफान पर, सड़कें बंद
मॉनसून की झमाझम बारिश ने उत्तराखंड के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। नैनीताल, अल्मोड़ा, और चमोली में मंगलवार रात से लगातार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। अलकनंदा नदी कुछ जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भूस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है। मौसम विभाग ने यात्रियों को 27 जून तक सतर्क रहने की सलाह दी है। जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने का काम जारी है, लेकिन बारिश के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
पलायन की मजबूरी: गांव खाली, लोग परेशान
लगातार बारिश और भूस्खलन ने पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिथौरागढ़ और बागेश्वर के कुछ गांवों में लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बारिश के कारण खेती-बाड़ी को भारी नुकसान हुआ है, और भूस्खलन से कई घरों को खतरा पैदा हो गया है।
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