कांवड़ मार्ग पर यशवीर महाराज का चेकिंग अभियान, पांच हजार वालंटियर उतरे, सपा ने उठाए सवाल
पश्चिमी यूपी के जिलों में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में यशवीर महाराज अपने वालंटियर के साथ पहचान अभियान चला रहे हैं। देखा जा रहा है कि दुकान हिंदू की है या मुसलमान की। अगर मुसलमान की दुकान है तो उस पर क्या नाम लिखा है।

कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले यूपी के मुजफ्फरनगर में बघरा आश्रम के स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में रास्ते पर स्थित ढावों और दुकानों पर पहचान अभियान चलाया जा रहा है। यह पहचानने की कोशिश की जा रही है कि दुकान का मालिक और वहां काम करने वाले हिंदू हैं या मुस्लिम। अगर मुस्लिम हैं तो दुकान पर नाम क्या लिखा है। मुजफ्फरनगर में अभियान के दौरान रामपुर तिराहे से लेकर मंडी क्षेत्र में कई होटल व ढाबों को चेककर भगवान वराह की फोटो लगवाई गयी। इसके बाद अभियान मेरठ में शुरू हुई है।
स्वामी यशवीर महाराज ने यह भी कहा कांवड़ यात्रा के दौरान लगातार पहचान अभियान चलाया जाएगा। इस तरह से चेकिंग पर समाजवादी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं। सपा के पूर्व सांसद एसटी हसन ने पूछा कि यशवीर महाराज कोई अधिकारी हैं या पुलिस के अफसर हैं? आखिर किस हैसियत से वह दुकानों की चेकिंग कर रहे हैं और वहां काम करने वालों की पहचान की जा रही है।
शनिवार को बघरा आश्रम के स्वामी यशवीर महाराज ने रामपुर तिराहे से लेकर नईमंडी कोतवाली क्षेत्र में हाइवे पर स्थित होटल, ढाबों व रेस्टोरेंट पर पहचान अभियान चलाया। पचैंडा कट पर पंडित शुद्व भोजनालय के मालिक ने अपनी पहचान छिपा रखी थी। जांच के बाद उसे 24 घंटे के भीतर नाम परिवर्तन करने की चेतावनी दी गई है। यशवीर महाराज ने बताया कि अभियान के लिए पांच हजार वालंटियर काम करेंगे। यह अभियान लगातार जारी रहेगा। मुजफ्फरनगर के बाद उनका अभियान मेरठ में भी चलाया गया। यशवीर महाराज के साथ चल रहे वालंटियर क्यूआर कोड से नाम का मिलान भी कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर में धर्म पहचानने के लिए एक ढावा संचालक की पेंट उतरवाने की कोशिश भी की गई थी।
यशवीर महाराज के इस तरह से अभियान चलाने पर सपा नेता और पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन ने तीखी प्रतिक्रया दी है। उन्होंने स्वामी पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वामी यशवीर कोई अधिकारी या पुलिस अफसर हैं क्या? वह कैसे होटलों-ढावों की चेकिंग कर रहे हैं। उन्होंने चेकिंग करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। हसन ने पूछा कि इन्हें होटल और ढाबों की जांच करने का अधिकार किसने दिया है। अगर शासन ने नॉनवेज भोजन पर रोक का आदेश जारी किया है तो चेकिंग करने का काम प्रशासन और पुलिस का है। इस तरह की कार्रवाइयां देश का माहौल खराब करेंगी और सामाजिक संघर्ष को जन्म दे सकती है।
उन्होंने कहा कि हमारा देश हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी के भाईचारे का प्रतीक है। लोग एक-दूसरे से सामान खरीदते हैं और प्यार-मोहब्बत से रहते हैं। इस तरह की हरकतों से ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि लोग मुस्लिम दुकानदारों से सामान न लें। अगर ऐसा हुआ तो कल मुस्लिम भी हिंदू दुकानदारों से सामान लेना बंद कर देंगे। यह दो समुदायों के बीच दूरी पैदा करने की कोशिश है।