बेटी के रूम में गई महिला, दरवाजा बंद होते ही आने लगीं आवाजें, एक घंटे बाद लड़की का मिला शव
लखनऊ के तेलीबाग इलाके में एक साल से विवाहित महिला के साथ समलैंगिक संबंध में रह रही 19 वर्षीय युवती ने शुक्रवार दोपहर बाद अपने ही घर में फांसी लगा ली। एक घंटा पहले ही युवती के कमरे से निकलकर विवाहित महिला गई थी।

लखनऊ के तेलीबाग इलाके में एक साल से विवाहित महिला के साथ समलैंगिक संबंध में रह रही 19 वर्षीय युवती ने शुक्रवार दोपहर बाद अपने ही घर में फांसी लगा ली। एक घंटा पहले ही युवती के कमरे से निकलकर विवाहित महिला गई थी। आत्महत्या से पहले युवती ने खून से दीवार पर एम+एस लिखा था। यह युवती और महिला के नाम का पहला अक्षर है। युवती के पिता की सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं।
पीजीआई थाने के अतिरिक्त इंस्पेक्टर विनोद पांडेय ने बताया कि एक साल से दोनों की नजदीकियां थी। युवती के परिवारीजन विरोध करते तो दोनों झगड़ती थीं। युवती के पिता ने विवाहित महिला पर मौखिक आरोप लगाए हैं। पुलिस आरोपों की जांच कर रही है। युवती के पिता ने पुलिस को बताया कि दोपहर में महिला उनके घर आई थी। इसके बाद बेटी के रूम में चली गई। रूम अंदर से बंद हो गया। दोनों आपस में बातचीत कर रही थीं। कुछ देर बाद तेज-तेज बातचीत करने की आवाजें आने लगीं। दोनों में कभी कभार ऐसे ही बातचीत होती थी, इसलिए किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। इसके बाद विवाहित महिला चली गई। उसके जाने के करीब घंटे भर बाद तक बेटी कमरे से नहीं निकली। वह कमरे में पहुंचे तो बेटी का शव फंदे पर लटका था। घटना की जानकारी पुलिस को दी। इंस्पेक्टर ने बताया कि युवती के पिता ने मौखिक आरोप लगाए हैं। अभी तक उन्होंने कोई तहरीर नहीं दी है। जांच की जा रही है।
दो हफ्ते तक महिला के साथ चली जाती थी युवती
युवती के पिता ने बताया कि वह महिला को ठीक से जानते नहीं हैं पर वह बेटी के पास आती रहती थी। बेटी भी उसके साथ जाती थी। दोनों कई बार एक-दो हफ्ते घर से बाहर साथ रहती थीं। साथ रहने का कई बार विरोध किया तो दोनों झगड़ा करने लगती थीं। इसलिए विरोध करना बंद कर दिया था।
पुलिस ने कहा, खुद अपनी समस्या का समाधान करो
पीड़ित पिता के मुताबिक दोनों की नजदीकियां आपस में बढ़ती देख उन्होंने कई बार पुलिस से मदद मांगी थी। पुलिस से कहा था कि दोनों को बुलाकर डांटे और यह सब बंद कराएं, लेकिन उसने महिला का हवाला देते हुए कोई सुनवाई नहीं की। यह कहकर लौटा देते थे कि खुद समझाकर अपनी समस्या का समाधान करो।