सात विधायकों में से तीन पर ही एक्शन क्यों? सपा से निष्कासित MLA राकेश प्रताप सिंह ने बताया
समाजवादी पार्टी ने राज्ससभा चुनाव के दौरान बगावत करने वाले सात में से तीन विधायकों को सोमवार को पार्टी से बाहर कर दिया। चार विधायकों को अच्छे व्यवहार की बातें कहते हुए फिलहाल राहत दी गई है। इस राहत को निष्कासित विधायक राकेश प्रताप सिंह ने षड्यंत्र करार दिया है।

यूपी में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग करने वाले सात विधायकों में से तीन को समाजवादी पार्टी ने सोमवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया। सपा ने विधायक राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और मनोज कुमार पांडेय को पार्टी से निकालने का ऐलान किया। अन्य चार विधायकों को रियायत देने के पीछे सपा ने उनका अच्छा व्यवहार बताया। सपा के इस कदम को निष्कासित विधायक राकेश प्रताप सिंह ने विधायकों को बांटने का षड्यंत्र बताया। कहा कि आठ में से सात विधायक एक साथ हैं। राकेश का इशारा आठवें विधायक पल्लवी पटेल की तरफ था। बिना नाम लिए कहा कि पल्लवी ने भी वोट नहीं दिया था। उन्होंने केवल वोट का बहिष्कार किया था। राकेश प्रताप ने कहा कि जिस दिन हमने फैसला लिया था, उसी दिन इन्हें भी फैसला ले लेना चाहिए।
सपा ने दावा किया कि चार विधायकों को उनके व्यवहार के कारण अभी निष्कासित नहीं किया गया है। इस पर राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि दो-चार दिन में किसी का व्यवहार अच्छा हो गया हो तो मैं नहीं जानता हूं। लेकिन यह षड्यंत्र है। अभी तक जाति-जाति को बांटने सत्ता हथियाने और अपनी संपत्ति को बढ़ाने का काम किया गया। अब विधायकों को भी बांटने का षड्यंत्र किया जा रहा है। राकेश ने कहा कि गिड़गिड़ाकर राजनीति न करता हूं, कर सकता हूं।
उन्होंने कहा कि निष्कासन मेरे लिए अच्छी खबर है। सपा में घुटन महसूस कर रहा था। डूबते जहाज पर डूबने से मुझे आजाद कर दिया। राकेश ने सपा प्रत्याशी आलोक रंजन, कपिल सिब्बल, जया बच्चन का नाम लेकर पूछा कि इन लोगों को आखिर राज्यसभा क्यों भेजा जा रहा है। आप जिसे प्रत्याशी बना रहे हैं, उनके नाम संसदीय बोर्ड की बैठक में रखिए। जिसे आप प्रत्याशी बना रहे हैं, वह विधायकों से यह भी कहने को तैयार नहीं है कि आप अपना वोट हमें दे दीजिए।
सपा ने तीनों विधायकों को निष्कासित करते हुए कहा कि इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई। इस सवाल पर राकेश प्रताप ने कहा कि किसी अवधि की जानकारी तो मुझे नहीं है। मुझे तो अयोध्या जाने से मना किया गया। उस दिन से सपा के कार्यालय भी नहीं गया। न तो किसी सपा के नेता से मिला।
जहां सनातन का अपमान वहां क्यों रहूं : मनोज पांडेय
सपा से निष्कासित विधायक डॉ मनोज पांडे ने कहा है कि मैंने तो साल भर पहले ही ऊंचाहार की एक लाख जनता के सामने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। उस पार्टी में मैं क्यों रहूं जहां सनातन का अपमान होता हो। अखिलेश यादव तब कहां थे, जब स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस की प्रतियां जलवा रहे थे और हिंदू धर्म के बारे में अनाप-शनाप बोल रहे थे। जहां पर हमारे आराध्य भगवान राम का अपमान हो उस जगह हम कैसे रह सकते हैं। मनोज पांच बार के विधायक हैं। वह मुलायम सिंह व अखिलेश सरकार में मंत्री भी रहे। विधानसभा में सपा के मुख्य सचतेक भी थे। पिछले साल लोकसभा चुनाव में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रायबरेली के ऊंचाहार में मनोज पांडेय के घर पर भी गए थे। रायबरेली के नगर पालिका अध्यक्ष रहे मनोज ऊंचाहार से लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं।
इस अंदाज में सपा ने दी निष्कासन की जानकारी
सपा ने एक्स पर पोस्ट के जरिए अलग अंदाज में तीनों विधायकों के निष्कासन की जानकारी दी। लिखा कि समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में निम्नांकित विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है:
1. मा. विधायक गोशाईगंज श्री अभय सिंह
2. मा. विधायक गौरीगंज श्री राकेश प्रताप सिंह
3. मा. विधायक ऊँचाहार श्री मनोज कुमार पाण्डेय
इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई, शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियाँ सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी। जहाँ रहें, विश्वसनीय रहें।