ये हकीम कौन है? जिसके घर से मिला अवैध हथियारों का जखीरा, 20 बोरों में भर कर ले जाने पड़े कारतूस
हकीम के घर से करीब 300 से अधिक 312, 315 बोर के असलहों के साथ डीबीबीएल रायफल, पिस्टल मिलीं। बड़ी संख्या में कारतूस मिले, जिन्हें 20 बोरों में पुलिस कर्मी ले गए। पुलिस ने सलाउद्दीन, पत्नी, बेटी और एक युवक से पूछताछ के बाद सलाउद्दीन को हिरासत में लिया है। आशंका है कि यहां असलहे बनाकर सप्लाई हो रही थी।

यूपी की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद के मिर्जागंज में यूपी पुलिस ने छापा मारकर जिस हकीम के घर से बड़ी संख्या में कारतूस और असलहे बरामद किए वो आखिर है कौन? पुलिस को हकीम के घर से 300 से अधिक 312, 315 बोर के असलहों के साथ डीबीबीएल रायफल, पिस्टल मिलीं। 20 बोरों में भरकर कारतूस ले जाने पड़े। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर ये कौन सा हकीम है जिसने अपने घर दवाइयों की जगह इतनी बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस जमा कर रखे थे? पुलिस ने हकीम को गिरफ्तार कर पूछताछ की। शुक्रवार दोपहर उसे जेल भेज दिया गया। अब हकीम के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। पता चला है कि हकीम की पाकिस्तान में भी कई लोगों से बातचीत होती थी। अब तक की मिली जानकारी के अनुसार हकीम का असली नाम सलाउद्दीन उर्फ लाला है। वह प्रदेश भर में हथियारों के सप्लाई नेटवर्क का महत्वपूर्ण सदस्य हो सकता है।
बता दें कि गुरुवार देर शाम अचानक कई थानों की फोर्स ने हकीम के घर में छापा मारा था। उसके यहां हथियारों का जखीरा देखकर पुलिस भी दंग रह गई। उन्होंने हकीम के बारे में पता किया। हकीम उस शख्स का असली नाम नहीं निकला। उसका असली नाम है सलाउद्दीन उर्फ लाला। करीब 72 वर्षीय सलाउद्दीन उर्फ लाला के परिवार में उसकी पत्नी के अलावा दो बेटियां है। एक बेटी नॉर्वे और दूसरी इंटीग्रल विवि में पढ़ाई कर रही है। बताते हैं कि कुछ साल पहले तक सलाउद्दीन डाकघर के पास दवाखाना चलाता था। वह हथियारों का सप्लायर कैसे बन गया? पुलिस इस सवाल का जवाब ढूंढ रही है।
पुलिस ने सलाउद्दीन उर्फ हकीम, पत्नी, बेटी और एक युवक से पूछताछ के बाद हकीम को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार दोपहर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।आशंका है कि उसके यहां असलहे बनाकर सप्लाई हो रही थी। प्रदेश भर में हथियार भेजे जा रहे थे। फिलहाल पुलिस इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता रही है। एडीसीपी जितेंद्र दुबे ने बताया कि हकीम के घर से बड़ी संख्या में असलहे, कारतूस, उपकरण आदि मिला है। मामले की जांच जारी है।
हकीम के पाकिस्तानी संपर्क खंगाल रही पुलिस
पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि सलाउद्दीन उर्फ हकीम की पाकिस्तान में रहने वाले कई लोगों से बातचीत होती थी। अब पुलिस और खुफिया विभाग उसके पाकिस्तानी और अंतरराज्यीय कनेक्शन खंगाल रही है। आरोपित के खिलाफ मलिहाबाद थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उसके घर से प्रतिबंधित पशु हिरन की खाल भी बरामद हुई है। पुलिस उसके परिवारीजन और रिश्तेदारों के खिलाफ भी साक्ष्य संकलन कर रही है।
सलाउद्दीन से पुलिस और खुफिया विभाग को कई अहम जानकारियां मिली हैं। यह भी पता चला कि सलाउद्दीन की रिश्तेदारी पाकिस्तान के भी कई शहरों में है। सलाउद्दीन की भतीजी का निकाह एक पाकिस्तानी से छह साल पहले हुआ था। वह पाकिस्तान में ही रहती है। सलाउद्दीन और उसके घरवालों का पाकिस्तान आना-जाना भी था। वहीं, उसके रिश्तेदार भी यहां आते थे। पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा की गई सख्ती पर पाकिस्तानियों का आना-जाना बंद हुआ है। सलाउद्दीन की पाकिस्तान में रहने वाले तमाम लोगों से फोन पर बातचीत भी होती थी। इसके साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं।
पुलिस उपायुक्त उत्तरी गोपाल कृष्ण चौधरी के मुताबिक सलाउद्दीन उर्फ लाला मिर्जागंज में पिक्चर हाल के पास रहता था। घर में ही वह अवैध असलहा बनाने की फैक्टरी कई सालों से चला रहा था। गुरुवार रात स्थानीय मुखबिर की सूचना पर पुलिस पिक्चर हाल के पास पहुंची। वहां सलाउद्दीन बैठा था। पकड़कर उसकी तलाशी ली गई तो जेब में 315 बोर के आठ कारतूस मिले। पुलिस ने उसे कब्जे में ले लिया। पूछताछ कर उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। इसके बाद रहीमाबाद समेत कई थानों का पुलिस बल बुलाया गया। सलाउद्दीन के घर में छापेमारी शुरू हुई। इसमें भारी मात्रा में असलहे और कारतूस बरामद हुए। इसके बाद उच्चाधिकारियों की टीम पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने आरोपित सलाउद्दीन से पूछताछ की।
लैपटॉप से संदिग्ध लोगों की जानकारी मिली
एडीसीपी उत्तरी जितेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि आरोपित के पास से बरामद मोबाइल और लैपटाप में भी गिरोह जुड़े कई संदिग्ध लोगों की जानकारी मिली है। उनके बारे में ब्योरा जुटाया जा रहा है। मौके से हिरन की खाल भी मिली है।
तिहरे हत्याकांड के आरोपित का भांजा है लाला
सलाउद्दीन मलिहाबाद में हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपित गब्बर उर्फ लल्लन का भांजा है। आरोप है कि वह गब्बर के अवैध कार्यों में भी संलिप्त था। उसे भी असलहा सप्लाई करता था। गब्बर ने जब अपनी भतीजी, उसके बेटे और एक अन्य रिश्तेदार की गोली मार कर हत्या की, उसके बाद से सलाउद्दीन उससे दूर हो गया था। तिहरे हत्याकांड के मामले में सलाउदद्दीन ने गब्बर और उसके बेटे के खिलाफ कोर्ट में गवाही भी दी थी।
घर पर लगा रहता था लग्जरी गाड़ियों का तांता
सलाउद्दीन उर्फ हकीम के घर पर असलहा खरीदने वाले और तस्कर बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों से आते थे। अक्सर उसके घर के आगे कारों का ताता लगा रहता था। पुलिस अब सीसी फुटेज से इस संबंध में जानकारी जुटा रही है। साथ ही सलाउद्दीन से भी पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। उसके आधार पर तफ्तीश आगे बढ़ा रही है। वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि सलाउद्दीन के घर चार से पांच कमरे बने हुए हैं। उनमें असलहा बनाने वाले कारीगर रहते थे। किसी के पूछने पर सलाउद्दीन बताता था कि वह उसके किराएदार हैं। यह लोग 15-20 दिन तक रहते थे और फिर चले जाते थे। फिर बदलकर लोग आते थे। अक्सर उसके घर से रात में खटपट की आवाज आया करती थी। इसकी जानकारी पुलिस को बीते दिनों दी गई थी, तभी कार्रवाई हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि सलाउद्दीन शिकार का भी शौकीन था। वह नीलगाय और अन्य पशुओं का शिकार भी करता था।
थाने से चंद कदम दूरी पर चल रही थी फैक्टरी
थाने और एसीपी दफ्तर से चंद कदम दूरी पर मलिहाबाद के मिर्जागंज में करीब 20 साल से सलाउद्दीन उर्फ लाला असलहा फैक्टरी चला रहा था। थाने और एसीपी दफ्तर में तैनात करीब 50 पुलिस कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी और वह अपना काम करता रहा।
बरामदगी
तीन पिस्टल 32 बोर, एक तमंचा 315 बोर, दो तमंचे .22 बोर, एक रायफल .22 बोर, सात एयरगन, 18 जिंदा कारतूस.315 बोर, 68 कारतूस .22, 30 कारतूस 12 बोर, दो कारतूस 32 बोर, छह बांका, दो छूरी, एक आरी, नौ फरसा, अर्धर्निमित शस्त्र एवं उससे संबंधित सामान, दो हजार रुपये, प्रबंधित पशु हिरन की खाल।
आर्म्स एक्ट और जीव संरक्षण अधिनियम में मुकदमा
एडीसीपी उत्तरी ने बताया कि आरोपित के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पहला आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में है। दूसरा मुकदमा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9/51 में है। दोनों मुकदमों में पुलिस ही वादी है।
यूं तो पुलिस मामूली गुडवर्क को दिखाने में कसर नहीं छोड़ती, पर अवैध असलहा फैक्टरी पकड़े जाने पर मलिहाबाद पुलिस दूसरे दिन भी छिपाती रही। करीब पांच घंटे तक मिर्जागंज में गुरुवार रात सलाउद्दीन उर्फ लाला के घर चली छापेमारी के दौरान मीडिया कर्मियों को आस-पास फटकने तक नहीं दिया। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि मोहर्रम से पहले असलहे और कारतूस का भंडारण किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रात में बरामद असलहों और हजारों कारतूसों की खेप को थाने पहुंचाने के लिए एक जीप ने चार चक्कर लगाए। करीब 15 बड़े थैलों और कई बोरियों में भरकर जीप से बरामद माल थाने भेजा गया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने कस्बे की बिजली सप्लाई कटवा दी।
ये जवाब अभी बाकी
-मोहर्रम और सावन के पूर्व सलाउद्दीन के घर पर भारी मात्रा में असलहों और कारतूसों का भंडारण कोई बड़ी साजिश तो नहीं है?
-कहां-कहां और किसे असलहा सप्लाई करता था? किन पड़ोसी जनपदों और राज्यों में उसके असलहों की बिक्री होती थी?