मौसी बनकर बच्ची को दिया गोद, 28 दिन बाद मां बताकर वापस लेने पहुंची, अब ये फैसला
यूपी में एक दंपती के परिवार में 11 साल बाद आई खुशी पलभर में आंसुओं में बदल गई। दंपति ने बच्ची को गोद लिया था। महिला ने खुद को बच्ची की मौसी बताया। लेकिन, 28 दिन बाद वह मां बताकर बच्ची को वापस लेने पहुंची।

यूपी के अलीगढ़ में शहर के खिरनीगेट निवासी एक दंपती के परिवार में 11 साल बाद आई खुशी पलभर में आंसुओं में बदल गई। दंपति ने पिछले माह एक महिला से 11 माह की बच्ची को गोद लिया था। उस समय महिला ने खुद को बच्ची की मौसी बताया। लेकिन, 28 दिन बाद गुरुवार को जब वह मां बताकर बच्ची को वापस लेने पहुंची तो परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। आखिरकार दंपती को बच्ची को लौटाना पड़ा। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
हुआ यूं कि पिछले माह विष्णुपुरी निवासी महिला ने स्कूल के एक व्हॉट्सएप ग्रुप में मैसेज भेजा, जिसमें अभिभावक जुड़े थे। इसमें लिखा कि मैं एक बच्ची को गोद देना चाहती हूं। ग्रुप में जुड़े अभिभावक ने महिला का संपर्क खिरनीगेट निवासी दंपति से करा दिया, जिनके पास 11 साल से कोई संतान नहीं थी।
महिला ने बताया कि वह बच्ची की मौसी है। पांच अक्टूबर 2024 को बच्ची का जन्म हुआ था। जन्म के बाद 20 दिसंबर को उसकी मां का निधन हो गया। पिता ने उसकी जिम्मेदारी उठाने से मना कर दिया। महिला ने बताया था कि उसके पास 10 साल का बेटा है। व्यस्तताओं के कारण वह बच्ची का पालन-पोषण करने में असमर्थ है। दोनों पक्षों में सहमति बनने के बाद 27 मई 2025 को बच्ची को दंपति ने गोद ले लिया। इस दौरान लिखित में शपथ पत्र लगाते हुए गोदनामा बनवाया गया।
परिजन बोले- भविष्य में ऐसा किसी के साथ न हो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें प्रकरण की पूरी कहानी बताने के साथ महिला को गलत ठहराया जा रहा है। साथ ही ये मांग की जा रही है कि महिला को इसकी सजा मिलनी चाहिए। हालांकि दंपती के परिजनों ने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी। उन्होंने कहा कि वीडियो के माध्यम से लोगों को सतर्क करना चाहते हैं, ताकि भविष्य में अन्य किसी के साथ ऐसा न हो।
शपथपत्र बनवाया गया
परिवार ने हंसी-खुशी बच्ची का पालन-पोषण शुरू कर दिया। इसी बीच बुधवार शाम को महिला फिर से उनके घर आई। इस बार उसने खुद को बच्ची की मां बताया। इसे सुनकर दंपती व उसके परिवार के लोग इकट्ठा हो गए। गली-मोहल्ले के लोग भी आ गए। करीब चार घंटे चली उधेड़बुन के बाद दंपति ने बच्ची को वापस देने का निर्णय लिया। इसके बाद शुक्रवार को गोदनामा को निरस्त कराने संबंधी शपथ बनवाया गया।
लोगों की भीड़ जुटी, महिला को खरी-खोटी सुनाईं
बच्ची 28 दिन में ही सबकी दुलारी बन गई थी। माता-पिता उसे अपनी नजरों से एक पल नहीं हटाते थे। लेकिन, जब महिला उसे वापस लेने पहुंची तो होश उड़ गए। कुछ दिन के लिए मां का सुख पाने वाली महिला का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों के अलावा मोहल्ले के लोग इकट्ठा हो गए। गोद देने वाली महिला को खूब खरी-खोटी सुनाईं। लेकिन, वह यह नहीं बता सकी कि उसने ऐसा क्यों किया। उसके साथ आए लोगों का इतना ही कहना था कि मानसिक रूप से अस्थिर होने के चलते महिला ने ऐसा किया।