भड़काऊ नारे और हथियारों का प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं, मुहर्रम से पहले योगी ने अफसरों को चेताया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यूपी के आला अधिकारियों के साथ त्योहारों को लेकर समीक्षा बैठक की। सीएम योगी ने अफसरों को चेताते हुए कहा कि भड़काऊ नारे और हथियारों का प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले महीने शुरू हो रहे त्योहारों से पहले बुधवार को कानून व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। निर्देश दिए कि आने वाले त्योहारों में कानून-व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए। निर्देश दिया कि धार्मिक यात्राओं में शस्त्रों का प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। शोभा यात्राओं व जुलूसों के मार्ग पर प्रतिबन्धित पशुओं का प्रवेश रोकने के इंतजाम कर लिए जाएं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर निगरानी को लेकर भी कई निर्देश दिए। जरूरत के हिसाब से ड्रोन का इस्तेमाल करने को भी कहा। झूठी खबरों और अफवाहों पर नियंत्रण के लिए त्वरित खंडन और सही सूचना का प्रसारण जरूरी है।
उन्होंने कहा कि 11 जुलाई से नौ अगस्त तक श्रावण मास रहेगा। इस दौरान कांवड़ यात्रा, श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे त्योहार मनाए जाएंगे। 27 जून से आठ जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा और 27 जून से छह-सात जुलाई तक मोहर्रम है। इस दौरान कानून व्यवस्था, चिकित्सा, स्वच्छता और आपदा प्रबन्धन के लिहाज से सतर्कता जरूरी है।
जातीय संघर्ष फैलाने की साजिश हो रही
कहा कि त्योहारों में उल्लास बना रहे, किसी तरह की शरारत न पनपने दी जाए। प्रदेश में लगातार जातीय संघर्ष फैलाने की साजिश रची जा रही है। ऐसा करने वालों को बेनकाब कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अचानक माहौल बिगड़ने या विपरीत परिस्थिति आने पर शासन के आदेश का इंतजार न किया जाए बल्कि अफसर कानून के दायरे में कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने अफसरों को ये निर्देश बुधवार रात को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में दिए।
इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी पुलिस कमिश्नर, मंडलायुक्त, डीएम, कप्तान से मुख्यमंत्री ने विभिन्न मुद्दों पर संवाद किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि पुलिस प्रशासन को पूरी संवेदनशीलता व सतर्कता के साथ आने वाले त्योहारों के समय काम करना होगा।
परम्परा से हटकर रूट परिवर्तन स्वीकार नहीं
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक है। उत्तराखंड सीमा से सटे गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, काशी, बाराबंकी और बस्ती जैसे जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। अंतर्राज्यीय समन्वय लगातार बनाए रहना चाहिए। यात्रा मार्ग पर डीजे, ढोल-ताशा और संगीत की आवाज मानक के अनुरुप ही होनी चाहिए। भड़काऊ नारे और परम्परा से हटकर रूट परिवर्तन की अनुमति किसी दशा में नहीं दी जाएगी। ताजिया, रथ व कांवड़ यात्रा में प्रयुक्त डीजे की ऊंचाई भी मानक से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस पर सख्ती से कहा कि किसी भी शोभायात्रा के लिए पेड़ काटना, झुग्गियां हटाना या गरीबों का घर नहीं उजाड़ा जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कांवड़ संघों के साथ संवाद बनाए रखा जाए
मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि कई बार अराजक तत्व वेश बदल कर यात्रा में शामिल होने में लग जाते हैं। इसे देखते हुए सभी जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा। थानों, चौकी स्तर पर स्थानीय प्रशासन को कांवड़ संघों के साथ संवाद बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है। किसी भी शरारती तत्वों को कोई अवसर नहीं मिलना चाहिए, जिससे वह गड़बड़ी कर सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस की बिक्री न हो। जर्जर विद्युत पोल और लटकते तारों की मरम्मत कराने को भी कहा ताकि कोई हादसा न हो।
हर दुकान पर संचालक का नाम जरूर लिखा हो
श्रावण मास के हर सोमवार को प्रदेश भर के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। गांव, कस्बों और नगरों के मंदिरों के आस-पास की सफाई, जलनिकासी और ट्रैफिक प्रबन्धन के इतंजाम कर लिए जाए। कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की दरों को तय कर दिया जाए। पिछले साल की तरह हर दुकान पर संचालक का नाम साफ-साफ लिखा होना चाहिए। मोहर्रम के आयोजनों के लिए भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पिछले वर्षों में हुई घटनाओं को देख लिया जाए। इस हिसाब से ही सतर्कता बरती जाए। पीस कमेटी एवं आयोजन समितियों से संवाद कर कार्यक्रमों को परंपरागत मार्गों पर शांतिपूर्वक संपन्न कराया जाए।
शिकायतों के समाधान में देरी वाले अफसरों को चेतावनी
उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों की समीक्षा करते हुए कहा कि कुछ जिलों में निस्तारण की स्थिति संतोषजनक नहीं है। ऐसे जिलों को तत्काल अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना होगा अन्यथा उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बैठक के अंत में 'स्कूल पेयरिंग नीति' का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक, छात्र और अभिभावकों के व्यापक हित में बेसिक शिक्षा परिषद के कुछ विद्यालयों की पेयरिंग की जा रही है। यह प्रक्रिया पारदर्शी, समावेशी और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए। इसके लिए जिलाधिकारी को पर्यवेक्षण करने को कहा।