लखनऊ में असलहे के जखीरे वाले हकीम को रिमांड पर लेगी पुलिस, मिले पाकिस्तानी कनेक्शन के सुराग
रिमांड पर लेकर खुफिया एजेंसियां और पुलिस टीम हकीम से पाकिस्तानी और पीओके कनेक्शन पर गहन पूछताछ करेंगी। इसके साथ ही सर्विलांस टीम सलाउद्दीन के मोबाइल की काल डिटेल्स खंगाल रही हैं। काल डिटेल्स में मिले नंबरों के आधार पर भी पुलिस असलहा तस्करी से जुड़े लोगों का ब्योरा जुटा रही है।

लखनऊ के मलिहाबाद के मिर्जागंज में दो दिन पहले पुलिस ने छापा मार एक हकीम के घर से बड़ी संख्या में कारतूस और असलहे बरामद किए थे। पुलिस को हकीम के यहां से 300 से अधिक 312, 315 बोर के असलहों के साथ डीबीबीएल रायफल,पिस्टल मिली थीं। इसके अलावा बड़ी संख्या में कारतूस मिले थे जिन्हें 20 बोरों में पुलिस कर्मी ले गए। हकीम का नाम है सलाउद्दीन। वह असलहा फैक्टरी का संचालक है। पुलिस उसे जेल भेज चुकी है। अब जल्द ही रिमांड पर लेगी।
रिमांड पर लेकर उससे खुफिया एजेंसियां और पुलिस टीम पाकिस्तानी और पीओके कनेक्शन पर गहन पूछताछ करेगी। इसके साथ ही सर्विलांस टीम सलाउद्दीन के मोबाइल की काल डिटेल्स खंगाल रही है। काल डिटेल्स में मिले नंबरों के आधार पर भी पुलिस असलहा तस्करी से जुड़े लोगों का ब्योरा जुटा रही है। इसके अलावा पुलिस टीम सलाउद्दीन के घर पहलगाम अटैक से पूर्व आने वाले पाकिस्तानी रिश्तेदारों की भी कुंडली खंगाल रही है। इसके अलावा पीओके से जुड़े कौन-कौन लोग उसके घर आते थे? इसकी भी जानकारी जुटा रही है।
रिश्तेदारों पर भी पुलिस की नजर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सलाउद्दीन के घर से मिले लैपटाप में कई अहम राज हैं। पुलिस आईटी एक्सपर्ट से उसका लॉक खुलवाने में मदद ले रही है। माना जा रहा है कि लैपटाप में तस्करों के साथ ही असलहों से जुड़ी कई अन्य अहम जानकारियां भी पुलिस को मिलेंगी। इसके अलावा पुलिस सलाउद्दीन के परिवारीजन और रिश्तेदारों की गतिविधियों पर नजर है।
कई परिवारीजन पाकिस्तान में बस गए थे
स्थानीय लोगों के मुताबिक सलाउद्दीन की पाकिस्तान से काफी नजदीकियां हैं। उसके कई रिश्तेदार और परिवारीजन वर्ष 1950 में ही पाकिस्तान में जाकर बस गए थे। वह भी साल में दो से तीन बार पाकिस्तान जाता था। वहां से भी लोग आते थे। इसके साथ ही सलाउद्दीन के घर किराए पर रहने वाले कारीगरों की भी पुलिस को तलाश है। इस बारे में पुलिस आस पास से भी जानकारी ले रही है।
कई राज्यों में होती थी असलहों की सप्लाई
सलाउद्दीन के घर अवैध असलहों की बिक्री पड़ोसी जनपदों और बिहार के अलावा कई अन्य राज्यों में होती थी। वह समाज को तो दिखाने के लिए शहद बेचने का काम करता था। उसकी आड़ में असलहे की फैक्टरी चलाता था। असलहे बनाने के लिए लोहा, पाइप और अन्य वस्तुएं कहां से खरीदता था? इसका भी नेटवर्क पुलिस खंगाल रही है।