यूपी में जहां-तहां कचरा फेंकने वाले रहें सावधान, अब कई विभागों की आप पर नजर; लगाएंगे तगड़ा जुर्माना
एनजीटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उत्तर प्रदेश की किसी भी नदी, झील, तालाब, वेटलैंड के अलावा पीडब्ल्यूडी और राजस्व भूमि पर कचरा फेंकना दंडनीय अपराध होगा। कचरा फेंकने वाले व्यक्ति पर पर्यावरणीय क्षति के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। NGT ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 जुलाई मुकर्रर की है।

यूपी में गंगा ही नहीं अब गलियों तक में कूड़ा फेंकना दंडनीय अपराध होगा। ऐसा करने पर आपको 50,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। यह निर्देश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ओरीजिनल अप्लीकेशन (ओए) पर सुनवाई के दौरान दिया है। एनजीटी के आदेश के अनुपालन में उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने सख्ती का फरमान जारी किया है। यूपीपीसीबी के अलावा नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के अधिकारी जुर्माना लगाने की कार्रवाई कर सकेंगे।
एनजीटी ने राम मिलन साहनी बनाम स्टेट ऑफ यूपी व अन्य के प्रकरण की बीते दिनों सुनवाई की। एनजीटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यूपी की किसी भी नदी, झील, तालाब, वेटलैंड के अलावा पीडब्ल्यूडी और राजस्व भूमि पर कचरा फेंकना दंडनीय अपराध होगा। कचरा फेंकने वाले व्यक्ति पर पर्यावरणीय क्षति के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। एनजीटी ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 जुलाई मुकर्रर की है। 9 जुलाई तक आदेश के अनुपालन में यूपीपीसीबी को आख्या दाखिल करनी है। क्षेत्रीय अधिकारी यूपीपीसीबी 7 जुलाई तक मुख्य पर्यावरण अधिकारी को अपनी आख्या भेजेंगे।
पहली बार 5000 लगेगा जुर्माना
गलियों या जलाशय में कचरा फेंकने पर पहली बार 5000 रुपये जुर्माना लगेगा। दूसरी बार कूड़ा फेंकते पकड़े जाने पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। जुर्माने की इस कार्रवाई के दायरे में खासकर वह लोग आएंगे, जो घर के बाहर सड़क या पार्कों में कूड़ा फेंकने के आदी हैं।
मलबा फेंका तो 25000 का अर्थदंड
घर का कचरा या मलबा बड़ी मात्रा में फेंकने वालों पर पर्यावरणीय क्षति की दर अलग तय की गई है। ऐसे लोगों पर पहली बार कचरा फेंकने पर 25000 रुपये की वसूली होगी। दूसरी या इससे अधिक बार कचरा फेंकते पाए जाने पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।
जुर्माना न भरने पर जारी होगी आरसी
जुर्माने की राशि जमा न करने पर राजस्व विभाग आरसी का नोटिस जारी करेगा। आरसी जारी होने पर भी जुर्माना न भरने पर विधिक कार्रवाई होगी। एनजीटी ने कहा है कि वसूली गई राशि का प्रयोग सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में किया जाएगा। ताकि, पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सके।
अभी नगर निगम लगाता था 2500 जुर्माना
गंगा में कूड़ा फेंकने पर अभी नगर निगम 2500 रुपये तक जुर्माना लगाता है। सॉलिड वेस्ट मैनेजेमेंट के नेशनल एक्ट में 5000 रुपये जुर्माना का प्रावधान है। स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अफसर व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित सिंह गौर ने बताया कि नगर निगम सदन ने कूड़ा फेंकने पर 2500 की दर तय की थी। कूड़ा फेंकने पर कई लोगों से वसूली भी की जा चुकी है।
क्या बोले अधिकारी
यूपीपीसीबी के आरओ अजीत कुमार सुमन ने कहा बताया कि सदस्य सचिव यूपीपीसीबी ने एनजीटी के आदेश के अनुपालन के निर्देश दिए हैं। अब गंगा ही नहीं गलियों में भी कूड़ा फेंकने पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। पीसीबी के अलावा स्थानीय निकाय को भी कार्रवाई का अधिकार है।