यूपी में अब कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का भी होगा समायोजन, शिक्षाधिकारियों से मांगी गई लिस्ट
यूपी में अब कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का भी समायोजन होगा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देकर विद्यालयों की लिस्ट मांगा है।

यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद में हो रहे नित नए प्रयोग में अब एक नया प्रयोग भी सामने आया है। इसमें शिक्षकों, शिक्षामित्र के साथ कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का भी समायोजन होगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। विद्यालयों के समायोजन पर शिक्षक संगठनों व ग्राम प्रधानों ने आपत्ति दर्ज करते हुए इसे छात्र हितों के विपरीत बताया है। वहीं बेसिक विभाग के अधिकारी इसे छात्र हितैषी बता रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद में कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को इस विद्यालय के निकटवर्ती विद्यालय में पेयरिंग (समायोजित) किया जा रहा है। इस संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से आदेश जारी किया गया हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों से जिले के विद्यालयों से लिस्ट मांगी है।
50 छात्रों से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को इसके लिए चयनित किया गया है। इसके विरुद्ध उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने आंदोजन करने की घोषणा कर दी है। कहा कि आर पार का शांतिपूर्ण आंदोलन होगा। बेसिक शिक्षक संवर्ग को समाप्त नहीं होने देंगे। 27 जून को जिले के बीआरसी पर बीईओ के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा।
समाप्त हो सकता है शिक्षामित्रों व रसोइयों का पद
जूनियर शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक में कहा कि अनुच्छेद 21 में 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। आरटीई अधिनियम की धारा 6 के अनुसार हर गांव के एक किलोमीटर के भीतर प्राथमिक विद्यालय अनिवार्य है। इसी के आधार पर बेसिक विद्यालय बनाए गए थे। उसमें छात्र संख्या का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। साथ ही बिना ग्राम शिक्षा समिति की लिखित सहमति के किसी भी विद्यालय का समायोजन या स्थानांतरण किया जाना अव्यावहारिक है। सरकार स्थानांतरण कर शिक्षक एवं शिक्षा मित्र के पदों को समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे दूर पढ़ते नहीं जा सकते। यह बाल शिक्षा अधिकार का हनन है। समायोजन से बहराइच जिले के 123 विद्यालय प्रभावित होंगे। इसमें कार्यरत शिक्षामित्र, रसोईया व शिक्षकों पर प्रभाव पड़ेगा तथा भविष्य में यह सभी पद समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जहां बेरोजगारों को रोजगार नहीं दे पा रही है। वहीं जिनके पास रोजगार है उसका छीनने का प्रयास कर रही है। शिक्षक, छात्र, शिक्षामित्र, रसोईया इस आदेश का विरोध करता है। जरूरत पड़ने पर एक बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा।
विद्यालय वर्तमान समय में जिले में संचालित किए जा रहे हैं
बहराइच के बीएसए आशीष कुमार सिंह ने बताया कि कम छात्र संख्या वाले बेसिक विद्यालयों को निकट के विद्यालयों से पेयरिंग किया जा रहा है। इससे शिक्षा के स्तर में काफी सुधार होगा। शिक्षा के अधिगम स्तर में वृद्धि होने के साथ ही बच्चों के लिए बेहतर शैक्षिक वातावरण बनेगा। बच्चों को प्रतिस्पर्धात्मक माहौल मिलेगा। बंद किए जाने वाले विद्यालय में साइंस लैब, लाइब्रेरी आदि बनाकर भवनों का इस्तेमाल किया जाएगा।