यूपी में अब कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का भी समायोजन होगा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देकर विद्यालयों की लिस्ट मांगा है।
सवाल यह उठ रहा है कि फर्जी टेट की अंकतालिका का सत्यापन होकर वेतन आहरित के आदेश कैसे हो गए। जबकि सभी प्रमाण पत्रों का सत्यापन होने के बाद ही वेतन आहरित किया जाता है। जांच में कई और नाम भी सामने आ सकते हैं। इसकी जांच भी हो सकती है।
यूपी के 9 जिलों में 9 नए सर्वोदय विद्यालय संचालित किए जाएंगे। इन विद्यालयों में सत्र 2025-26 में कक्षा 6 से 8 तक कुल 2000 बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। अगले वर्ष से कक्षा 12 तक इन विद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू होगा।
यूपी में अब बीएसए पर फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी पाने का आरोप लगा है। भदोही बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह के खिलाफ अपर प्रमुख सचिव से शिकायत की गई हे।
बीटेक डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को एआरपी की अगली भर्ती में अवसर देने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने प्रशांत कुमार की याचिका का निस्तारण करते हुए यह निर्देश दिया।हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि ऐसे अभ्यर्थियों को नई भर्तियों में शामिल करें।
छह मई के शासनादेश में सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति 2025-26 निर्गत की गई है। इसमें अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानान्तरण के लिए 15 मई से 15 जून तक का समय प्रदान करते हुए निर्धारित अवधि में स्थानान्तरण की कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
कानपुर के कल्याणपुर के नया शिवली रोड निवासी 37 वर्षीय आकांक्षा मिश्रा शिक्षिका थीं। उनकी तैनाती उन्नाव के कंपोजिट विद्यालय जमाल नगर सफीपुर में थी। मंगलवार सुबह वह रोज की तरह कार से विद्यालय जा रही थीं। उनके साथ शिक्षिका अंजुला मिश्रा और रिचा अग्निहोत्री भी थीं।
समाजवादी पार्टी की विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने अनेक विद्यालयों को बंद किए जाने की खबरों तथा शिक्षकों की उपलब्धता और उनके प्रशिक्षण के मुद्दों को सदन में उठाया। इसका जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि राज्य के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त संख्या है।
यूपी बेसिक शिक्षा विभाग ने 12 जिलों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से स्कूलों के निर्माण कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। जिसमें करीब 1619.56 करोड़ रुपए की लागत लगेगा। इन सभी स्कूलों के निर्माण कार्य कराने के लिए एजेंसी को चयन कर जगह भी चिह्नित कर ली गई है।
न्यायमूर्ति ने कहा कि सचिव का आदेश नैसर्गिक न्याय का स्पष्ट उल्लंघन है। आदेश जारी करने से पूर्व प्रभावित पक्ष और याचियों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। कोर्ट ने सचिव और बीएसए के आदेश को रद्द करते हुए छह सप्ताह में नए सिरे से सभी का पक्ष सुन कर आदेश पारित करने के लिए कहा है।