लखनऊ, आगरा, कानपुर समेत यूपी के 500 से ज्यादा बिल्डरों को नोटिस; जानें क्या है मामला
विकास प्राधिकरणों से फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) खरीदने वाले बिल्डर स्टेट जीएसटी के रडार पर आ गए हैं। कानपुर समेत पूरे यूपी के 500 से ज्यादा बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है। एफएआर की रकम पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाने की तैयारी है।

विकास प्राधिकरणों से फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) खरीदने वाले बिल्डर स्टेट जीएसटी के रडार पर आ गए हैं। कानपुर समेत पूरे यूपी के 500 से ज्यादा बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है। एफएआर की रकम पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाने की तैयारी है। सभी से 30 दिन में जानकारी तलब की गई है। केडीए के अलावा प्रदेश के कई विकास प्राधिकरणों से 1 जुलाई 2017 से अब तक एफएआर खरीदने वाले बिल्डरों की विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। प्राधिकरणों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर इससे जुड़े सवाल-जवाब बिल्डरों से किए जा रहे हैं। रडार पर कानपुर के 50 से अधिक बिल्डर हैं। लखनऊ, आगरा, नोएडा, वाराणसी, मेरठ, अलीगढ़ के भी बिल्डरों को नोटिस भेजकर एफएआर संबंधी ब्योरा देने को कहा गया है। इसे लेकर रियल इस्टेट से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा है।
होटल, निजी अस्पताल के निर्माण पर भी नोटिस
एसजीएसटी की ओर से होटलों, निजी अस्पतालों के निर्माण पर भी नोटिस भेजा गया है, जबकि नियमानुसार सिर्फ रिहायशी निर्माण के पूरा होने पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाना होता है। नोटिस पाने वाले बिल्डरों के कई प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। वरिष्ठ जीएसटी विशेषज्ञ धर्मेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि एफएआर पर टैक्स अदायगी का मामला जीएसटी काउंसिल में विचाराधीन है। विकास प्राधिकरणों से खरीदे गए एफएआर पर टैक्स लगने या नहीं लगने का फैसला अभी होना है। इसके बावजूद नोटिस भेजना समझ से परे है। अगर विभाग ने नोटिस के आधार पर टैक्स लगा दिया और काउंसिल ने टैक्स न लगाने का फैसला दिया तो अगर पैसे लिए गए तो वापस करने की नौबत भी आ जाएगी।