कहीं दिमाग में कीड़ा तो नहीं? बार-बार पड़ रहा है ये अटैक तो हो जाएं सावधान
कीड़े के चारों तरफ सूजन से दिमाग और नसों पर दबाव पड़ता है। इसकी वजह से मरीज को भीषण दर्द उठता है। कई बार मरीजों को उल्टी-चक्कर आदि भी आते हैं। ऐसे में दवाओं की डोज बढ़ाकर बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। चिकित्सा में कीड़े की गांठ को कैल्शिफिकेशन भी कहते हैं।

Worm in Brain: जिन मरीजों को बार-बार माइग्रेन का अटैक पड़ता है, भीषण सिर दर्द बेहाल कर देता है, उनको डॉक्टर की सलाह पर एमआरआई जांच करानी चाहिए। माइग्रेन के 50 से 60 प्रतिशत मरीजों में बार-बार अटैक का कारण दिमाग में पनपे सिस्टीसर्कोसिस कीड़े के चारों तरफ सूजन हो सकती है। यह तथ्य केजीएमयू न्यूरोलॉजी विभाग के अध्ययन में सामने आया है। अमेरिकी जनरल हेडक ने केजीएमयू के इस शोध को मान्यता दी है। केजीएमयू न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. रवि उनियाल ने माइग्रेन पीड़ित 80 मरीजों पर अध्ययन किया है। इसमें 20 से 30 साल उम्र के मरीजों को शामिल किया गया। इनमें 66 प्रतिशत महिलाएं और 34 फीसदी पुरुष थे।
डॉ. रवि उनियाल ने बताया कि शोध में शामिल मरीजों की एमआरआई जांच कराई गई तो सभी के दिमाग में सिस्टीसर्कोसिस कीड़े मिले, जिनके चारों तरफ सूजन थी। इसी कारण माइग्रेन का बार-बार अटैक पड़ रहा था।
नसों पर पड़ता है दबाव
डॉ. रवि ने बताया कि कीड़े के चारों तरफ सूजन से दिमाग और नसों पर दबाव पड़ता है। इससे मरीज को भीषण दर्द उठता है। कई बार मरीजों को उल्टी-चक्कर आदि भी आते हैं। ऐसे में दवाओं की डोज बढ़ाकर बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। चिकित्सा में कीड़े की गांठ को कैल्शिफिकेशन भी कहते हैं।
सावधानी से बचाव मुमकिन
डॉ. रवि ने बताया कि सिस्टीसर्कोसिस सुअर के शरीर में पाए जाते हैं। सुअर को मल त्यागने के लिए लोग उसे खेतों में छोड़ देते हैं। मल के कीड़े फसलों में चिपक जाते हैं। सबसे ज्यादा धनिया, पालक, आलू, बंदगोभी, गोभी में ये कीड़े चिपकते हैं। ठीक से सब्जी, फल आदि की सफाई न होने से कीड़े शरीर में पहुंच जाते हैं। खून में मिलकर दिमाग तक पहुंच जाते हैं। कुछ समय में सिस्टीसर्कोसिस दिमाग में मर जाते हैं। इनके चारों तरफ सूजन आने से माइग्रेन मरीजों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।