गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे नहीं फोर लेन हाईवे, अखिलेश बोले- योगी को अंतर ही नहीं पता
सीएम योगी ने शुक्रवार को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का शुभारंभ पर अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला। अखिलेश की पिछली सरकार का संबंध दाउद इब्राहिम से जोड़ दिया। इससे बिफरे अखिलेश यादव ने भी पलटवार किया है। कहा कि मुख्यमंत्री को एक्सप्रेसवे और हाईवे का अंतर ही नहीं पता है।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी और अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला। सपा की पिछली सरकार के संबंध डी-कंपनी और दाउद इब्राहिम से जोड़ दिया। इस पर अखिलेश यादव ने भी पलटवार किया है। अखिलेश यादव ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को सबसे महंगा हाईवे करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि यह एक्सप्रेसवे नहीं बल्कि चार-लेन वाला राजमार्ग है। अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जो लोग दूसरों के बनाए राजमार्ग पर उंगली उठाते हैं, वे अपनी सरकार बनने के बाद तरह-तरह के बयान देते हैं। भ्रष्टाचार पर कितनी बातें की गईं। आज सबसे महंगा राजमार्ग बना है। अखिलेश ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को एक्सप्रेसवे और राजमार्ग का अंतर ही नहीं पता है।
अखिलेश ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की लागत पर सवाल उठाते हुए कहा कि कल तक हम अखबारों में खोजते थे कि कितने हजार करोड़ रुपये में राजमार्ग बना है। लेकिन, मैं धन्यवाद देना चाहता हूं कि आज सभी अखबारों ने बताया है कि राजमार्ग सात हजार करोड़ रुपये में बना है और इसे कब बनना चाहिए था? अगर किसानों का मुआवजा दो हजार करोड़ रुपये है, तो पांच हजार करोड़ रुपये (बचे हुए) हैं। अगर हम पांच हजार करोड़ रुपये को 91 किलोमीटर सड़क (लंबाई) से विभाजित करते हैं, तो इसकी लागत 50 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर से अधिक होगी, और वह भी चार-लेन।
उन्होंने कहा कि यह 4-लेन राजमार्ग है, एक्सप्रेसवे नहीं। अखिलेश ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री को 4-लेन राजमार्ग और एक्सप्रेसवे के बीच का अंतर नहीं पता है। यह सड़क भारतीय सड़क कांग्रेस के मानकों के अनुसार नहीं बनाई गई है। और जिसने भी मानकों के साथ खिलवाड़ किया है, क्या यह सरकार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कभी कार्रवाई करेगी।
डी कंपनी पर एक सवाल के जवाब में सपा प्रमुख ने कहा कि डी कंपनी क्या है, यह बताइए। आप किस डी कंपनी का जिक्र कर रहे हैं? मैं आपको बता रहा हूं कि डी कंपनी क्या है, यह एक विकास कंपनी है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे किसी नेता ने नहीं मांगा था। जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे बना था, उस समय नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की बदौलत, जिन्हें आजमगढ़ ने (अपने लोकसभा सांसद के रूप में) चुना था, मैंने इसकी घोषणा की थी, शिलान्यास किया था और भूमि अधिग्रहण किया था। अखिलेश ने यह भी कहा कि यदि सपा सत्ता में आती है, तो हम आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की तुलना में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर बेहतर काम करेंगे, ताकि यह बेहतर दिखे।
क्या बोले थे योगी
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का शुभारंभ करते समय सीएम योगी ने अखिलेश की पिछली सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले सड़कों का हाल ऐसा था कि गड्ढे में सड़क थी या सड़क में गड्ढा, पता ही नहीं चलता था। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास तो हो गया था, लेकिन जमीन तक नहीं खरीदी गई थी। 15,200 करोड़ रुपए में 110 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाना चाहते थे, हमने उसे 120 मीटर चौड़ा करके 11,800 करोड़ रुपये में बनवाया। बचे हुए पैसों की डकैती किसकी होती, जनता समझती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें विकास की बजाय डी-कंपनी और दाऊद गिरोह के साथ साझेदारी करती थीं, सुरक्षा में सेंध लगाती थीं और आजमगढ़ को आतंक का गढ़ बना दिया था। 2007-08 में शिबली नेशनल कॉलेज में अजीत राय की हत्या वंदे मातरम गाने की वकालत के लिए हुई थी, लेकिन अब ऐसा दुस्साहस कोई नहीं कर सकता। आज कोई प्रदेश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करता है तो उसके लिए यमराज का टिकट पहले से कट जाता है।