अपने कर्मचारियों को तनाव भत्ता क्यों देता है ये विभाग? काम जानकर हैरान रह जाएंगे आप
रेलवे में इस विभाग को अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। यह एक ऐसा विभाग है जहां 3 शिफ्ट में चौबीसों घंटे काम होता है लेकिन अपनी शिफ्ट में कर्मचारियों को जरा भी फुर्सत नहीं मिलती है। विभाग के कर्मचारियों को तनाव भत्ता दिया जाता है। यह सातवां वेतन लागू होने के बाद से लागू है। 2018 से दिया जा रहा है।

भारतीय रेलवे का एक ऐसा विभाग है जहां कर्मियों को स्ट्रेस यानी तनाव भत्ता मिलता है। वेतन के साथ ही मिलने वाली सेलरी स्लिप में 5000 रुपये तनाव भत्ते का जिक्र होता है। यह भत्ता रेलवे के सेंट्रल कंट्रोल में कंट्रोलर के रूप में काम करने वाले कर्मियों को दिया जाता है। यह भत्ता सातवां वेतन लागू होने के बाद लागू हुआ और 2018 से दिया जा रहा है। रेलवे ने इस विभाग को सबसे अधिक संवेदनशील माना है। विभाग के कर्मचारियों के काम के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यह इकलौता ऐसा विभाग है, जहां कर्मचारियों को अपने शिफ्ट में एक मिनट उठने की भी फुर्सत नहीं होती। इस विभाग के अलावा देश के किसी भी विभाग या संस्थान में इस तरह के भत्ते का कोई प्रावधान नहीं है।
पूरे एनई रेलवे की बात करें तो गोरखपुर मुख्यालय समेत लखनऊ, इज्जतनगर और वाराणसी मंडल मिलाकर कुल 110 कंट्रोलर हैं। गोरखपुर मुख्यालय में प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक कार्यालय में कंट्रोल यूनिट काम करती है और वर्तमान में यहां 150 से अधिक कर्मचारी हैं। यहां 24 घंटे काम होता है। ड्यूटी तीन शिफ्ट में होती है। कंट्रोलर के रूप में 32 कर्मचारी तैनात हैं।
तनाव कम करने के लिए नई पहल
रेलवे ने इन कर्मचारियों के तनाव को कम करने के लिए नई पहल की है। यहां काम करने वाले कर्मचारी अब काम के साथ ही मेडिटेशिन और लाइट जिम कर सकेंगे। इसके साथ ही महिला कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी दौरान सरकारी वाहन से लाने और ले जाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस सम्बंध में रेलवे बोर्ड ने निर्देश जारी कर दिया है। बोर्ड से निर्देश मिलने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक अनूप कुमार सतपथी ने पूर्वोत्तर मुख्यालय के साथ ही तीनो मण्डलों को पत्र जारी कर जल्द से जल्द इस व्यवस्था को लागू कराने को कहा है। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से कर्मचारियों को काफी सहूलियत मिलेगी। कर्मचारियों के मनोरंजन के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन, साउंड प्रूफ हॉल और उच्च श्रेणी कैंटीन की भी व्यवस्था होगी।
सबसे अहम विभाग है सेंट्रल कंट्रोल
रेलवे का सेंट्रल कंट्रोल एक महत्वपूर्ण अंग है जो पूरे रेलवे नेटवर्क के सुचारू संचालन के लिए जिम्मेदार है। यह एक केंद्रीकृत प्रणाली है, जो ट्रेनों के आवागमन, सिग्नलिंग, और अन्य परिचालन गतिविधियों को नियंत्रित करती है। यह सुनिश्चित करता है कि ट्रेनें समय पर चलें, सुरक्षा बनी रहे, और किसी भी आपात स्थिति का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया जा सके।
रेलवे में दिए जाने वाले अन्य विशेष भत्ते
रनिंग अलाउंस : यह भत्ता उन कर्मचारियों को मिलता है जिनके जिम्मे ट्रेन चलाना होता है। जैसे लोको पायलट, गार्ड
ब्रेकडाउन भत्ता : यह भत्ता उन कर्मचारियों को मिलता है जो ब्रेकडाउन ड्यूटी (जैसे ट्रेन के पटरी से उतरने या अन्य आपातकालीन स्थितियों) में शामिल होते हैं।
परिवहन भत्ता : यह भत्ता उन कर्मचारियों को दिया जाता है जो अपने काम के स्थान पर आने-जाने के लिए परिवहन का उपयोग करते हैं और जो अपने काम के स्थान से 1 किलोमीटर से अधिक दूर रहते हैं।