Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Dr. Bhimrao Ambedkar University affiliated UP 67 B.Ed college Recognition cancelled admission banned NCTE took action

यूपी के 67 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द, प्रवेश पर रोक, एनसीटीई ने की कार्रवाई

यूपी में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध 67 बीएड, दो बीपीएड और एक एमएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई। इन कॉलेजों में सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

Deep Pandey आगरा, वरिष्ठ संवाददाताFri, 27 June 2025 09:44 AM
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यूपी के 67 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द, प्रवेश पर रोक, एनसीटीई ने की कार्रवाई

यूपी में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध 67 बीएड कॉलेजों में सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। साथ ही दो बीपीएड और एक एमएड कॉलेज पर भी कार्रवाई की गई है। विवि प्रशासन ने इन कॉलेजों को प्रवेश प्रक्रिया से बाहर करते हुए मान्यता रद्द करने आदेश जारी कर दिया है। ऐसे कॉलेज अब आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे, जिससे विवि की बीएड सीटों की संख्या पर सीधा असर पड़ेगा।

यह कार्रवाई नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की ओर से की गई। एनसीटीई ने देशभर में चल रहे बीएड, एमएड और बीपीएड पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता जांच के बाद 2200 से अधिक कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। आदेश के अनुसार, इन कॉलेजों में सत्र 2025-26 से अग्रिम आदेश तक कोई प्रवेश नहीं होगा। विवि के जिन 70 कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है, उनमें 67 केवल बीएड संचालित करते हैं, जबकि शेष तीन में एमएड और बीपीएड पाठ्यक्रम भी संचालित थे।

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कुलसचिव अजय मिश्रा ने बताया कि एनसीटीई से विश्वविद्यालय को पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें 70 संबद्ध महाविद्यालयों के विड्रॉल ऑर्डर जारी किए गए हैं। इनमें बीएड, एमएड और बीपीएड पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कॉलेज शामिल हैं। आदेश के अनुसार, इन्हें सत्र 2025-26 की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।

पार न जमा कर पाए, गई मान्यता

एनसीटीई ने देशभर के कॉलेजों की गुणवत्ता जांचने के लिए परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (पार) की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत कॉलेजों से सत्र 2021-22 और 2022-23 की रिपोर्ट मांगी गई थी। कई बार समय देने के बावजूद जब कॉलेजों ने रिपोर्ट जमा नहीं की, तो उन्हें एनसीटीई एक्ट 1993 की धारा 17(1) के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। फिर भी जवाब न मिलने पर 2200 से अधिक कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई। शेष के खिलाफ जांच जारी है।

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डमी कॉलेजों पर भी गिरी गाज

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद एनसीटीई ने डमी शिक्षण संस्थानों, फर्जी शिक्षक और छात्रों की पहचान के लिए ‘पार’ रिपोर्ट लागू की। इस प्रक्रिया में कई ऐसे कॉलेजों की शिकायतें मिलीं जहां न तो पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर था, न ही योग्य शिक्षक। कुछ कॉलेजों में केवल छात्रों का नामांकन दिखाकर मान्यता बनाए रखी जा रही थी। ऐसे संस्थानों पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है और भविष्य में और कॉलेज जांच के दायरे में आ सकते हैं।

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