सगे भाइयों की गर्दन काटकर नही में फेंकी, माफिया अमरपाल समेत चार को उम्रकैद
बागपत में सगे भाइयों की गला काटकर नदी में फेंकने वाले माफिया अमरपाल समेत चार लोगों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों का शव बदरखा गांव के जंगल में यमुना घाट किनारे मिला था। छपरौली थाना क्षेत्र के लुहारा गांव में दिल दहला देने वाली घटना हुई थी।

बागपत में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय नीरु शर्मा ने लुहारा गांव के दो सगे भाइयों की गर्दन काटकर हत्या करने वाले माफिया अमरपाल लुहारा उर्फ कालू समेत चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही उन पर 75-75 हजार रुपये का अर्थदंड़ लगाया। अर्थदंड़ अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास के आदेश जारी किए गए। वहीं, इस दोहरे हत्याकांड़ के एक आरोपी नीटू निवासी सरूरपुर खुर्द जिला मेरठ को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया गया था। चार हत्यारोपियों की सुनवाई के दौरान मौत भी हो चुकी हैं।
डीजीसी राहुल सिंह नेहरा और एडीजीसी अमित खोखर ने बताया कि छपरौली थाना क्षेत्र के लुहारा गांव निवासी तिरसपाल ने 17 जुलाई 2015 को छपरौली थाने में अपने भाई पप्पू और विकास की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। तिरसपाल ने बताया कि उसके दोनों भाई 15 जुलाई से लापता है, जिनकी गुमशुदगी छपरौली थाने में दर्ज कराई गई थी। 17 जुलाई को बदरखा गांव के यमुना घाट पर गर्दन कटे दो युवकों के शव पड़े मिले थे। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। उसने शवों की शिनाख्त के लिए तिरसपाल को बुलाया था। तिरसपाल ने दोनों की पहचान अपने भाई विकास और पप्पू के रूप में की थी।
तिरसपाल ने बताया कि 15 जुलाई को उसके दोनों भाइयों को गांव का ही अमरपाल उर्फ कालू, उसके भाई नरेश, सुरेश, वीरसैन, शास्त्री उर्फ धर्मदत्त, अरविंद और राजपाल कोल्हू से अपने साथ ले गए और पुरानी रंजिश में अमरपाल उर्फ कालू ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों की गोली मारकर और गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। पुलिस की जांच में कई आरोपियों के नाम प्रकाश में आये। इसमें पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
इसके बाद हत्यारोपी अमरपाल उर्फ कालू, धर्मदत्त शस्त्री, वीरसैन, नरेश, सुरेश, अरविंद, मुशर्रफ, संजीव पकौड़ी, नीटू के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। एडीजीसी अमित खोखर ने बताया कि सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय नीरु शर्मा की कोर्ट में सजा पर सुनवाई हुई। न्यायाधीश ने अमरपाल उर्फ कालू, धर्मदत्त उर्फ शास्त्री, वीरसैन और मुशर्रफ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही सभी चार हत्यारोपियों पर 75-75 हजार रुपये का अर्थदंड़ लगाया। अर्थदंड़ अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास के आदेश जारी किए गए।
अमरपाल के खिलाफ दर्ज है 44 मुकदमे
छपरौली थाना क्षेत्र के लुहारा गांव निवासी बदमाश अमरपाल के खिलाफ लूट, हत्या, अवैध शस्त्र अधिनियिम, गैंगस्टर एक्ट, जानलेवा हमले समेत संगीन धाराओं के 44 मुकदमे दर्ज है। शासन ने उसे प्रदेश माफिया घोषित किया था। एएसपी एनपी सिंह ने बताया कि अमरपाल उर्फ कालू के नाम से जनपद स्तरीय गैंग निरूद्ध किया गया था। जिसे डी-81 गैंग नाम दिया गया था। अमरपाल के गैंग में गांव के ही वीरसैन, जितेंद्र समेत कई बदमाश शामिल है। उन्होंने बताया कि पप्पू और विकास की हत्या इस गैंग ने बड़े ही निर्मम तरीके से की थी। मृतकों के शवों के हिस्से यमुना नदी में छपरौली से मवीकला तक मिले थे। इतना ही नहीं अमरपाल ने मृतकों के भाई तिरसपाल को फोन पर जान से मारने की धमकी भी दी थी।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान चार हत्यारोपियों की हो गई थी मौत
एडीजीसी अमित खोखर ने बताया कि पुलिस ने इस दोहरे हत्याकांड़ में आठ से अधिक लोगों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें अमरपाल उर्फ कालू, धर्मदत्त शस्त्री, वीरसैन, नरेश, सुरेश, अरविंद, मुशर्रफ, संजीव पकौड़ी और नीटू आदि के नाम शामिल थे। बताया कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान नरेश, सुरेश और अरविंद की बीमारी व अन्य अज्ञात कारणों के चलते मौत हो गई थी, जबकि संजीव उर्फ पकौड़ी निवासी सरूरपुर खुर्द जिला मेरठ की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी।