चुनौतियों को पार कर पाया 'योग संगम'

घर परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियों को पूरा करना एक महिला के लिए कितना कठिन है, इससे सब वाकिफ हैं। हर घर में सुबह उठने से लेकर रात होने तक की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं के हाथ होती है। ऐसे में मानसिक संतुलन और शारीरिक सेहत को बनाए रखना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

Sunil Kumar हिन्दुस्तानThu, 19 June 2025 07:10 PM
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चुनौतियों को पार कर पाया 'योग संगम'

इन चुनौतियों को पार का अलीगढ़ की महिलाओं ने योग संगम का रास्ता अपनाया है। प्रतिदिन सुबह अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा कर महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक इनके द्वारा किया जा रहा है। अच्छी शुरुआत करने के लिए एक कदम ही काफी है। कभी सिर्फ टहलने तक स्वास्थ्य गतिविधि जारी थी। फिर किसी ने योग के लिए जागरूक किया तो महिलाएं योग से जुड़ गई। इस दौरान सिर्फ योग सीखा ही नहीं बल्कि आज योग सिखाने का काम कर रही हैं। ऐसी ही कहानी अलीगढ़ के अंजना वार्ष्णेय की है। आज उनके बदौलत सैकड़ों महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ योग को भी दिनचर्या में शामिल कर लिया है।

वर्ष 2012 तक यह महिलाएं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर सिर्फ टहलने निकला करती थी। घर से पार्क, एसी कॉलेज के मैदान में टहलने के बाद घर की जिम्मेदारी बच्चों को स्कूल भेजना, पति के लिए लंच तैयार करना। घर में बीमार बुजुर्गों की सेवा से पूरा दिन निकल जाता था। जिससे कुछ शारीरिक समस्या और मानसिक स्वास्थ्य की समस्या का सामना कुछ महिलाओं को करना पड़ा। फिर एक दिन कोई इनके जीवन में योग लाया। वह थे योग शिक्षक भूपेश झा। वार्ष्णेय कॉलेज में टहलने के दौरान योग शिक्षक ने कुछ महिलाओं से योग से जुड़ने का आग्रह किया। उसके बाद इस योग से अंजना वार्ष्णेय और राजकुमारी वर्मा जुड़ी। करीब दो साल योग सीखने के बाद गुरु ने उन्हें योग सिखाने के लिए प्रोत्साहित किया। वर्ष 2012 से शुरू हुआ योग सिखाने का सफर आज भी एसवी कॉलेज के मैदान में चल रहा है।

महिलाओं को जमा करना चुनौतीपूर्ण सफर

दो महिलाओं से शुरू हुआ योग विद्या का सफर आज भी जारी है। पर इसके पीछे बहुत ही चुनौतीपूर्ण सफर भी इस सफलता में शामिल है। सबसे बड़ी चुनौती शुरुआत में महिलाओं को योग के प्रति जागरूक कर उन्हें मैदान तक लाने का रहा। निरंतरता बनी रहे इसके लिए हर सुबह उठकर उन्हें फोन कर जगाना। एक साथ जमा होकर मैदान तक पहुंचना रहा। इन सब में बच्चों के स्कूल का समय भी सफर कर रहा था। फिर इन महिलाओं ने इसका भी जवाब ढूंढ निकाला। उन्होंने सुबह उठने के बाद बच्चों के लंच आदि सबसे पहले तैयार करना शुरू कर दिया। इस काम में उनके पतियों ने भी उनका साथ दिया। सुबह पांच से सात योग करने बाद जब वह घर आती तो बच्चे तैयार मिलते।

मनचलों ने परेशान किया तो पत्थर भी बरसाए

वर्ष 2017 के दौरान जब महिलाएं योग के लिए निकलती तो कुछ मनचले उन्हें परेशान करते। आए दिन का यह मामला हो गया था। मनचले बाइक पर सवार होकर आते और छेड़ते हुए निकल जाते। तब पुलिस इमरजेंसी नंबर 112 में कॉल कर महिलाओं ने मदद मांगी। पुलिस के पेट्रोलिंग वैन कुछ समय के लिए वार्ष्णेय कॉलेज पर खड़ी हो गई। करीब एक सप्ताह बाद वैन वापस चली गई मनचलों की हरकत बढ़ गई। इस समस्या का समाधान महिलाओं ने खुद ही निकालने की सोची। इन महिलाओं ने बैग में पत्थर भरकर लाने लगी। जब भी कोई मनचला सामने आता दिखाई देता उसपर पत्थर बरसा देती थी। कुछ दिनों में मनचलों का आतंक खत्म हो गया। इस दौरान एक मनचले की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। उसके बाद उनका आना जाना पूरी तरह खत्म हो गया।

महिलाओं के लिए योग के लाभ

शारीरिक स्वास्थ्य: योग महिलाओं को शारीरिक रूप से मजबूत और लचीला बनाता है, जिससे उन्हें अपने दैनिक कार्यों में मदद मिलती है।

मानसिक स्वास्थ्य: योग महिलाओं को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है, जिससे वे तनाव और चिंता से निपटने में सक्षम होती हैं।

भावनात्मक स्वास्थ्य: योग महिलाओं को भावनात्मक रूप से स्थिर बनाता है, जिससे वे अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकती हैं।

महिलाओं के लिए कुछ उपयोगी योग आसन:

सुप्त बद्ध कोणासन: यह आसन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं से राहत दिलाता है और गर्भावस्था के दौरान भी फायदेमंद होता है।

उत्तकत कोणासन: यह आसन महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार करता है और गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करता है।

एकपाद राज कपोतासन: यह आसन महिलाओं को चिंता, अवसाद और तनाव से राहत दिलाता है और उनके कूल्हों और घुटनों को लचीला बनाता है।

वृक्षासन और योगनिद्रा: ये आसन महिलाओं को मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करते हैं।

योग आसन की मुद्राएं

पद्मासन : यह एक प्रसिद्ध ध्यान मुद्रा है, जिसमें पैरों को क्रॉस करके बैठा जाता है।

वज्रासन : यह आसन घुटनों के बल बैठकर किया जाता है, और पाचन के लिए अच्छा माना जाता है।

सिद्धासन : यह भी एक ध्यान मुद्रा है, जो पद्मासन के समान है, लेकिन इसमें पैर थोड़े अलग तरीके से रखे जाते हैं।

अर्ध-मत्स्येन्द्रासन : यह एक स्पाइनल ट्विस्ट है, जो पाचन में सुधार करता है और शरीर को लचीला बनाता है।

गोमुखासन : इस आसन में एक पैर दूसरे के ऊपर रखा जाता है, और हाथों को पीछे की तरफ ले जाकर पकड़ा जाता है।

शवासन : यह एक विश्राम मुद्रा है, जिसमें पीठ के बल लेटकर शरीर को पूरी तरह से आराम दिया जाता है।

पवनमुक्तासन : इस आसन में पेट के बल लेटकर घुटनों को छाती तक लाया जाता है और यह पाचन के लिए अच्छा होता है।

सर्वांगासन : इस आसन में पूरे शरीर को ऊपर उठाया जाता है और यह थायरॉयड ग्रंथि के लिए फायदेमंद माना जाता है।

विपरीतकर्णी आसन: यह एक उल्टा आसन है, यह थकान और तनाव को कम करने में मदद करता है।

भुजंगासन : इस आसन में पेट के बल लेटकर शरीर को ऊपर उठाया जाता है। यह पीठ दर्द के लिए अच्छा माना जाता है।

धनुरासन : इसमें पेट के बल लेटकर पैरों और हाथों को ऊपर उठाया जाता है। यह शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है।

शलभासन : इसमें पेट के बल लेटकर पैरों और हाथों को ऊपर उठाया जाता है लेकिन यह धनुरासन से थोड़ा अलग होता है।

ताड़ासन : यह एक शुरुआती आसन है, जिसमें सीधे खड़े होकर शरीर को सीधा रखा जाता है। यह शरीर को संतुलित करने में मदद करता है।

त्रिकोणासन : यह एक त्रिकोण के आकार का आसन है, जो शरीर को मजबूत बनाने और लचीला बनाने में मदद करता है।

सूर्य नमस्कार : यह आसनों का एक क्रम है, जो शरीर को गर्म करने और ऊर्जावान बनाने के लिए किया जाता है।

बताया योग का महत्व

योग मेरे जीवन को संतुलित बनाता है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। महिला पुरुष दोनों के लिए योग करना बेहद आवश्यक है।

अंजना वार्ष्णेय, योगाचार्य पतंजलि योगपीठ

योग से मुझे शांति और सुकून मिलता है, तनाव कम होता है। दौड़ती भागती जिंदगी में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहद आवश्यक है।

अल्का वार्ष्णेय

बढ़ती उम्र के साथ शरीर बीमारियों का घर बना जाता है। अपनी सेहत का ख्याल खुद ही रखना होगा नहीं तो पूरी जिदंगी दवाइयों पर ही गुजारनी होगी।

राधा वार्ष्णेय

योग एक प्राकृतिक चिकित्सा है जो मुझे स्वस्थ रखती है। वर्ष 2012 से लगातार मैं योग करते आ रही हूं, यह मुझे वायरल व अन्य रोगों से बचाने में मदद करता है।

किरण वार्ष्णेय

दिनभर घर के काम के बाद शरीर में थकावट महसूस होती थी। जब योग से जुड़ी हूं योग से मेरा मानसिक संतुलन बना रहता है, मैं अधिक सकारात्मक महसूस करती हूं।

सुरभि वार्ष्णेय

बढ़ती उम्र के साथ भूलने की बीमारी भी बढ़ना आम बात है। ध्यान एक एकाग्र नहीं हो पाता है। योग करने से मेरी एकाग्रता और ध्यान में सुधार हुआ है।

तनु वार्ष्णेय

एक उम्र के बाद घुटने, कमर दर्द आदि की समस्या होने लगती है। ऐसे में मुझे हड्डी रोग विशेषज्ञ ने योग आसन करने की सलाह दी। जिसके बाद मुझे बहुत ही फायदा मिला है।

मीनाक्षी वार्ष्णेय

पिछले 10 साल से योग नियमित कर रही हूं। योग से मुझे आंतरिक शांति मिलती है, मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। घर के सभी सदस्यों को योग करने के लिए प्रेरित करती हूं।

मीनाक्षी वार्ष्णेय

वर्तमान की जीवन शैली में हम ऑर्गेनिक कम रासायनिक खाद्य पदार्थों का अधिक प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में शरीर को डिटॉक्स की आवश्यकता पड़ती है। योग बेहतर है।

अंजू गुप्ता

उम्र के साथ साथ शरीर के पाचन तंत्र, आंतरिक अंग भी धीरे धीरे निष्क्रिय होते जाते हैं। ऐसे में इन्हें सक्रिय रखना बहुत जरूरी है। योग के माध्यम से इसे पूरा किया जा सकता है।

रागिनी गुप्ता

योग करने से मेरा रक्त संचार और पाचन तंत्र बेहतर हुआ है। इससे मुझे मानसिक शांति और स्थिरता मिली है। सभी को योग करने की सलाह दूंगी। जिम न जाएं योग करें।

मधु सिंह

घर परिवार में अच्छी बातों के साथ साथ कई नकारात्मक बातें भी होती है। ऐसे में अपने आप को संतुलित रखने लिए योग से बेहतर कुछ नहीं है। योग मेरे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।

सुचि तायल

योग से जुड़ने की इच्छा पहले से ही थी। पर पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में समय नहीं मिलता था। पर परिवार वालों का साथ मिला आज मैं योग सीख रही हूं।

उमा वार्ष्णेय

योग एक प्राचीन विज्ञान है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। योग विद्या में भारत विश्व गुरु है। भारत के आह्वान पर ही आज पूरी दुनिया योग दिवस मना रही है।

बीना वार्ष्णेय

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