जाफरी ड्रेन कचरे से अटी, बारिश में फिर डूबेगा शहर
मानसून से पहले नालों की सफाई सुनिश्चित करने की योजना इस बार भी परवान न चढ़ सकी। जिन इलाकों में जलभराव अधिक होता है, वहीं के नालों की अधूरी सफाई हुई है। क्षेत्रीय पार्षदों के अलावा जनता, संगठन भी सफाई की मांग करने लगे हैं। इधर, अफसरों का कहना है कि नाला सफाई में कोई कोताही नहीं बरती जा रही।

शहर के नालों की हकीकत जानने निकली टीम ने शुक्रवार को अनूपशहर रोड जीवनगढ़ पुलिया स्थित जाफरी ड्रेन पर लोगों से संवाद किया। इस दौरान लोगों ने सफाई की हकीकत बताई। शहर का दायरा 42 किलोमीटर से बढ़कर 68 से भी अधिक किलोमीटर तक फैल चुका है। विकास की तमाम योजनाओं के साथ समार्ट सिटी ने भी यहां कदम जमा लिए हैं। लेकिन, शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं फिर भी नहीं मिल पा रही हैं। आबादी बढ़ने के साथ लोगों की जरूरतें भी बढ़ चुकी हैं। जगह-जगह कालोनियां बन गईं, अपार्टमेंट खड़े हो गए। मगर, साफ-सफाई और ड्रेनेज व्यवस्था सुधर न सकी। अब भी अंग्रेजों के शासन से चली आ रही व्यवस्था पर पूरा ड्रेनेज सिस्टम टिका हुआ है। जल संचय के प्रमुख स्रोत छह तालाब अनियोजित विकास के नीचे दफन हो गए। जो 15 बचे हैं, वे भी आधे-अधूरे और गंदगी से अटे हैं। इनके संरक्षण के सिर्फ दावे हुए, धरातल में कुछ नहीं हुआ।
अलीगढ़ की जाफरी ड्रेन में गंदगी की समस्या एक गंभीर मुद्दा है। जीवनगढ़ पुलिया स्थित जाफरी ड्रेन पर हिन्दुस्तान के बोले अलीगढ़ अभियान के तहत स्थानीय लोगों ने बताया कि जाफरी ड्रेन में गंदगी के कई कारण हैं। जिनमें अतिक्रमण सबसे प्रमुख कारण हैं। लोगों ने बताया कि जाफरी ड्रेन के किनारों पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण एक प्रमुख समस्या है। जिससे पानी के बहाव में रुकावट आती है और गंदगी जमा होती है। इसके अलावा स्थानीय लोग अक्सर अपने घरों और दुकानों से निकलने वाले कचरे को ड्रेन में फेंक देते हैं, जिससे गंदगी और प्रदूषण बढ़ता है। इसके अलावा कुछ औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला कचरा भी जाफरी ड्रेन में प्रवाहित होता है। जिससे पानी की गुणवत्ता खराब होती है। जाफरी ड्रेन में गंदगी की समस्या से निपटने के लिए, प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। प्रशासन को नियमित रूप से अतिक्रमण हटाने के अभियान चलाने चाहिए और अवैध निर्माण को रोकना चाहिए। लोगों को अपने घरों और दुकानों से निकलने वाले कचरे को सही तरीके से निपटाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। औद्योगिक इकाइयों को अपने कचरे को साफ करने और प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त नियमों का पालन करना चाहिए। स्थानीय लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। इससे जाफरी ड्रेन में गंदगी की समस्या को कम किया जा सकता है। इसके अलावा नगर निगम को इसकी सही से सफाई करानी चाहिए। जिससे लोगों को बारिश में जलभराव की समस्या न झेलनी पड़े।
बरसात में कैसे बचेगा जीवनगढ़, अनूपशहर रोड
जीवनगढ़ पुलिया के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि पिछले तीन साल से हर बार यही हाल है। हल्की बारिश होते ही जाफरी ड्रेन का गंदा पानी घरों में घुस जाता है। इस बार भी मानसून से पहले सिर्फ दिखावे की सफाई हुई है। जब तक पूरी ड्रेन से अतिक्रमण हटाकर गहराई से सफाई नहीं होगी, तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। नगर निगम सिर्फ फाइलों में काम कर रहा है, धरातल पर कुछ नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि पूरी ड्रेन की गहराई से सफाई और सीसीटीवी निगरानी के तहत कार्रवाई। स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम ने हर साल की तरह इस बार भी खानापूर्ति के लिए सफाई कराई थी। जाफरी ड्रेन में अब भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जो बारिश में इलाके के लोगों के लिए जाानलेवा साबित हो सकता है।
हर बार के वादे, पर जमीन पर कुछ नहीं
सामाजिक कार्यकर्ता आगा यूनुस ने बताया कि हर साल बारिश से पहले जनप्रतिनिधि व प्रशासन मीटिंग करते हैं। लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। जाफरी ड्रेन की हालत जस की तस है। जनता की सुनवाई नहीं हो रही। पार्षद भी सिर्फ दिखावे के लिए आते हैं, असल में यहां की हालत उन्हें पता ही नहीं। वार्ड पार्षद और अभियंताओं की संयुक्त निगरानी समिति बने जो ड्रेन सफाई की वास्तविक रिपोर्ट जनता के बीच साझा करे। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि यहां आसपास की कई छोटी फैक्ट्रियां हैं जो अपना गंदा पानी और केमिकल बिना ट्रीटमेंट के सीधा ड्रेन में डालती हैं। इसका नतीजा ये है कि ड्रेन का पानी इतना जहरीला हो गया है कि बदबू से सांस लेना मुश्किल होता है। नगर निगम और प्रदूषण विभाग आंखें मूंदे हुए हैं। औद्योगिक इकाइयों पर सख्त कार्रवाई और ईटीपी अनिवार्य किया जाए।
गंदगी से बीमारी फैलने का डर
स्थानीय निवासी बताते हैं कि ड्रेन से उठती दुर्गंध के कारण बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं। मच्छर और मक्खियों की भरमार है। नगर निगम का कोई कर्मचारी इस इलाके की सुध नहीं लेता। बरसात में यहां जलभराव इतना होता है कि लोग बाहर निकल भी नहीं सकते। ड्रेन की सफाई के साथ-साथ नियमित फॉगिंग व क्लोरीन छिड़काव हो। लोगों ने बताया कि जाफरी ड्रेन के किनारे कई अवैध निर्माण हो चुके हैं, जिससे पानी का बहाव रुक गया है। प्रशासन को सब पता है लेकिन कार्रवाई नहीं करता। उल्टा नाले में गंदगी बढ़ती जा रही है। जब तक कब्जे नहीं हटेंगे, ड्रेन सही नहीं होगी।
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