हर साल जलभराव से जूझता है देवसैनी
अलीगढ़ नगर निगम में शामिल हुए देवसैनी वार्ड में विकास की रफ्तार थमी हुई है। रामघाट कल्याण मार्ग पर स्थित यह इलाका नालों की गंदगी, बंबे की बदहाली और हर साल जलभराव की त्रासदी से जूझ रहा है।
हिन्दुस्तान के बोले अलीगढ़ अभियान के तहत टीम ने जब देवसैनी बंबा रोड का दौरा किया, तो पाया कि यहां पर नगर निगम की अनदेखी का नतीजा जगह-जगह दिखाई देता है। देवसैनी और आसपास के इलाकों में बड़े-बड़े नाले और बंबा गंदगी से भरे हुए हैं। बारिश का मौसम सिर पर है, लेकिन अब तक नालों की सफाई शुरू नहीं हो सकी है। कई नालों और बंबों में पिछले वर्ष सिर्फ ऊपर से सफाई की गई थी, जबकि अंदर कीचड़ और प्लास्टिक की मोटी परतें जमी रह गईं। इससे न केवल जल निकासी बाधित होती है बल्कि बारिश में जलभराव की स्थिति भी बन जाती है। बंबा रोड पर स्थित बड़ा बंबा साफ न होने के कारण दुर्गंध और संक्रमण का केंद्र बन चुका है। जगह-जगह इसका ढक्कन टूटा हुआ है, जिससे गिरने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। बरसात में बंबा का जलस्तर बढ़ जाता है और पानी सड़क पर फैल जाता है। इस दौरान नाले और बंबे जानलेवा साबित हो सकते हैं।
हिन्दुस्तान समाचार पत्र के अभियान बोले अलीगढ़ के तहत गुरुवार को टीम ने स्थानीय लोगों से संवाद किया। लोगों ने बताया कि देवसैनी में कई कॉलोनियों में आज भी कच्चे रास्ते हैं। साल 2019 में एक बार सड़क निर्माण हुआ था, लेकिन उसके बाद से कोई भी पुनर्निर्माण नहीं हुआ। जलभराव की वजह से सड़कों पर कीचड़ और फिसलन बनी रहती है। स्ट्रीट लाइट के अभाव में रात के समय यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। वार्ड विस्तार के छह साल बीतने के बाद भी देवसैनी बुनियादी शहरी सुविधाओं से वंचित है। नालों और बंबों की सफाई नहीं होने से हर साल बारिश में हालात बिगड़ते हैं। समस्या पुरानी है, लेकिन समाधान के प्रयास कहीं नजर नहीं आते।
गंदगी से अटे पड़े बंबे और नाले
स्थानीय लोगों ने बताया कि बंबा रोड पर जो बड़ा नाला है, उसकी हालत साल दर साल बिगड़ती जा रही है। पिछले साल नगर निगम ने सफाई की थी, लेकिन वो सिर्फ ऊपर से झाड़ू चलाकर फोटो खिंचवाने जैसा था। अंदर भरी कीचड़ और प्लास्टिक जस की तस है। बरसात आते ही बंबा ओवरफ्लो हो जाता है और पानी सड़कों पर बहने लगता है। बदबू और कीचड़ से निकलना मुश्किल हो जाता है। ऐसी हालत में बंबा किसी काम का नहीं, सिर्फ खतरा बन चुका है।
बंबा रोड की सड़क या दलदल
लोगों ने बताया कि बंबा रोड पर चलना जैसे कीचड़ के समंदर को पार करना हो। पूरी सड़क जगह-जगह से टूटी है और उसमें गंदा पानी भरा रहता है। कई बार वाहन फिसल जाते हैं, पैदल चलने वालों को भी गिरकर चोट लग चुकी है। बारिश के समय यह रास्ता पूरी तरह से बंद जैसा हो जाता है। स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। सड़क भी खराब, बंबा भी गंदा ये कोई नगर निगम का हिस्सा नहीं, उपेक्षा की मिसाल लगती है। लोगों का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय होने के बाद भी यहां सुधार नहीं हुआ। जिसमें रोजाना हजारों बच्चे पढ़ने आते हैं। खुले बंबे में कई बार छोटे बच्चे खेलते-खेलते उसमें गिरने से बाल-बाल बचे हैं। रात को अंधेरे में यह और भी खतरनाक हो जाता है, क्योंकि स्ट्रीट लाइटें भी नदारद हैं। मोहल्ले वालों ने कई बार नगर निगम को शिकायत दी, लेकिन आज तक कोई सुधार नहीं हुआ। साफ है कि जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं होगा, तब तक कोई ध्यान नहीं देगा।
बंबे से सड़क तक हर ओर गंदगी
बंबा रोड पर बंबे के ठीक पास से एक गली अंदर जाती है, जिसकी हालत बिल्कुल नर्क जैसी है। बंबा से बहता पानी उस गली में भर जाता है और फिर पूरे मोहल्ले में कीचड़ फैल जाती है। बारिश में ये रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी को वैकल्पिक रास्तों से जाना पड़ता है। नगर निगम की तरफ से न कोई निरीक्षण होता है, न कोई कार्रवाई। लोगों ने अपने स्तर पर ईंटें और मलबा डालकर रास्ता चलने लायक बनाया है। लोगों ने बताया कि गर्मी और बरसात के मौसम में बंबे से उठती बदबू से सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। आसपास के घरों में मच्छरों का आतंक बना रहता है। हर बार डेंगू और मलेरिया फैलने का डर सताता है। हमने कई बार साफ-सफाई की मांग की है। लेकिन, अभी तक समस्या का हल नहीं हुआ।
बोले लोग
बरसात में तो घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। बंबा का पानी सड़कों पर आ जाता है और गली नाले में बदल जाती है। बच्चों को स्कूल भेजना सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है।
प्रीतम सिंह राजपूत
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सड़कें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि दोपहिया वाहन तो फिसलते ही हैं, पैदल चलना भी सुरक्षित नहीं रह गया है। नाले की सफाई न होने से पानी सड़क पर बहता है और कीचड़ फैला रहता है।
सतीश मालान
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पिछले साल सिर्फ ऊपर से नाले की सफाई करके खानापूर्ति कर दी गई थी। अंदर गंदगी वैसी की वैसी रह गई थी, अब हालत और बदतर हो चुकी है। इसका समाधान कराया जाए।
केपी सिंह
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बंबा में गंदगी इस हद तक बढ़ गई है कि उसमें मच्छर पनप रहे हैं। डेंगू और मलेरिया का डर हर साल बना रहता है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। बारिश में स्थिति खराब हो जाएगी।
अजय चौधरी
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कई बार बच्चे नाले में गिर चुके हैं क्योंकि वह खुला हुआ है। रात में लाइट नहीं है। नगर निगम को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। बारिश के दिनों में लोगों को घरों में कैद रहना पड़ता है।
सुशील
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सड़कें टूटी पड़ी हैं और बरसात में नालों से गंदा पानी बहकर पूरे इलाके को कीचड़ में बदल देता है। हर साल यही हाल होता है, मगर सुधार कभी नहीं होता।
ओम दत्त
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यह इलाका 2019 में निगम सीमा में आया, लेकिन सुविधाएं आज भी गांव जैसी हैं। ना सड़क ठीक हुई, ना नालों की सफाई नियमित होती है। बारिश से पहले बंबे और नाले की सफाई की जाए।
बृजनंदन सिंह
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बंबा रोड पर चलना जान जोखिम में डालने जैसा है। कीचड़, गंदगी और खुले गड्ढे हर जगह हैं। रात के समय हालात और खतरनाक हो जाते हैं। सड़क निर्माण और नालों की सफाई कराई जाए।
अशोक चौधरी
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बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो गया है। पैर कीचड़ में धंस जाते हैं, जूते खराब हो जाते हैं और कभी-कभी तो कपड़े भी गंदे हो जाते हैं। बारिश में जलभराव से लोग परेशान रहते हैं।
चंद्रशेखर शर्मा
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गली में पानी भर जाता है और बदबू से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। बगल से नाला बहता है, लेकिन उसकी कभी गहराई से सफाई नहीं हुई। सफाई के नाम पर केवल दिखावा होता है।
प्रियांशी सिंह
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हमने कई बार शिकायत दी कि नाले और बंबे की सफाई की जाए लेकिन सिर्फ कागजों में कार्यवाही हुई, जमीन पर कुछ नहीं बदला। कई बार सड़क बनाने की भी मांग की है। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं।
नेहा
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रात को कोई बीमार हो जाए तो गली पार करना भी असंभव हो जाता है। नाले का गंदा पानी सड़क पर बहता है और कीचड़ से गिरने का डर बना रहता है।
सुषमा पटेल
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नालियों में प्लास्टिक और घरेलू कचरा फंसा रहता है। कोई नियमित सफाई नहीं होती, जिससे पानी निकल नहीं पाता और बारिश में सड़कें डूब जाती हैं।
तनु चौधरी
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हर बार सुनते हैं कि सफाई होगी, लेकिन सिर्फ फोटो खिंचवा कर कर्मचारी चले जाते हैं। बंबे और नालों की गहराई से कभी सफाई नहीं हुई। इसके अलावा नाले भी कूड़े के अटे पड़े हैं।
स्वाती
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इलाके में 6 साल पहले सड़क बनी थी, तब से दोबारा मरम्मत नहीं हुई। अब हर गड्ढा बारिश में तालाब बन जाता है। कई कॉलोनियों में कच्चे रास्ते हैं। जलभराव के कारण फिसलन रहती है।
रीता शर्मा
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बंबा रोड पर चलना इतना मुश्किल हो गया है कि लोग वैकल्पिक रास्ते ढूंढते हैं। लेकिन सब जगह यही हालत है कीचड़ और जलभराव। बारिश में बंबा भर जाता है। गंदगी बाहर आ जाती है।
सारिका
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अगर समय रहते नालों की सफाई नहीं हुई तो इस बार मामूली बारिश भी बाढ़ जैसे हालात पैदा कर देगी। हर साल लोग जलभराव से परेशान रहते हैं। ऊपर से सड़क भी जर्जर हालत में है।
सुषमा
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पिछले साल एक बुजुर्ग व्यक्ति बंबा में गिर गए थे। अब भी वही गड्ढा खुला पड़ा है। बच्चों व बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। जलभराव और जर्जर सड़कों से लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं।
रुचि मौर्य
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पानी की निकासी न होने से पूरे मोहल्ले में बदबू बनी रहती है। लोग बीमार पड़ रहे हैं लेकिन सफाई को कोई गंभीरता से नहीं लेता। नाले गंदगी से अटे पड़े हैं।
ज्योति सिंह
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हर महीने नालों की सफाई होनी चाहिए, लेकिन यहां साल में एक बार भी पूरी तरह से नहीं होती। ऊपर से करंट लगने का खतरा भी रहता है। तत्काल नालों की सफाई कराई जाए।
रूबी
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कई घरों के सामने का नाला इतना जाम है कि बरसात में पानी घर के अंदर तक आ जाता है। यह सिर्फ असुविधा नहीं, खतरा भी है। बारिश में इलाके के हालात बदतर हो जाते हैं।
मंजू मालान
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रात को कीचड़ में फिसलकर कई लोग चोटिल हो चुके हैं। न लाइट है, न सड़क पर ध्यान दिया जा रहा है। रात में नाला और सड़क का पता ही नहीं चलता।
संजू
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हमारे यहां बंबा तो है लेकिन इसकी सफाई नहीं होती। साल में दो बार इसमें पानी छोड़ा जाता है। ओवरफ्लो के कारण घरों तक पानी आ जाता है। कई बार बच्चे खेलते हुए उसमें गिरने से बाल-बाल बचे हैं।
नृपेंद्र पटेल
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खुले में बहता नाला और आसपास जमा कूड़ा यही हमारी गली की पहचान बन गई है। सफाई अभियान सिर्फ पोस्टर में ही चलता है। सडक इतनी खराब है कि लोग परेशान हैं।
विजयपाल
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इलाके की सड़कें देखिए, जैसे किसी युद्ध क्षेत्र की हों। गड्ढे, कीचड़ और बदबू से हर रोज जूझना पड़ता है। कई कॉलोनियों में कच्चे रास्ते हैं। शिकायत करने पर भी समाधान नहीं है।
प्रेमवीर सिंह
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कई बार कॉल करके शिकायत की, लेकिन जवाब मिलता है टीम भेज देंगे। वो टीम आज तक नहीं आई और हम उसी गंदगी में जी रहे हैं। सड़क निर्माण के लिए भी कई बार शिकायत की है। कोई सुनने वाला नहीं है।
गजेंद्र शर्मा
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