Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Akhilesh yadav targets minister Ravindra Jaiswal said jisako nahin mila hissa vah suna raha kissa

जिसको नहीं मिला हिस्सा वह सुना रहा किस्सा, अखिलेश का मंत्री रवींद्र जायसवाल पर हमला

स्टांप एवं पंजीयन विभाग में बड़े पैमाने पर हुए तबादलों को सीएम योगी द्वारा रद्द करने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंत्री रवींद्र जायसवाल पर निशाना साधा है। रवींद्र जायसवाल ही स्टांप एवं पंजीयन विभाग के मंत्री हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 20 June 2025 12:18 AM
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जिसको नहीं मिला हिस्सा वह सुना रहा किस्सा, अखिलेश का मंत्री रवींद्र जायसवाल पर हमला

स्टांप एवं पंजीयन विभाग में बड़े पैमाने पर हुए तबादलों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रद्द कर दिया है। इसके बाद विभाग के मंत्री रवींद्र जायसवाल ने सफाई दी कि उनके ही शिकायत पर ऐसा किया गया है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रवींद्र जायसवाल पर निशाना साधा है। एक चैनल को दी जा रही रवींद्र जायसवाल की सफाई का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव ने यहां तक कहा कि जिसको नहीं मिला हिस्सा, वह सुना रहा किस्सा। अखिलेश ने कहा कि सच तो ये है कि कई मंत्रियों ने ट्रांसफ़र की फ़ाइल की ‘फ़ीस’ नहीं मिलने पर फ़ाइल लौटा दी है। सुना तो ये था कि इंजन ईंधन की माँग करता है पर यहाँ तो डिब्बा तक अपने ईंधन के जुगाड़ में लगा है। अखिलेश ने कहा कि जिसको ट्रांसफ़र में नहीं मिला हिस्सा, वही राज़ खोलके सुना रहा है किस्सा। आगे कहा कि भाजपाई भ्रष्टाचार मतलब कई हिस्सेदार!

दरअसल रवींद्र जायसवाल के स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग में तबादलों में गड़बड़ी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने 200 उपनिबंधकों व निबंधन लिपिकों के तबादलों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इनमें नियमों को दरकिनार कर किए गए तबादलों की जांच कराने का आदेश भी दिया है। सीएम योगी के एक्शन के बाद रवींद्र जायसवाल की सफाई आ गई। उन्होंने कहा कि महानिरीक्षक निबंधन समीर वर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मांग की थी कि महानिरीक्षक निबंधन (आईजी स्टांप) का दूसरी जगह तबादला करने या लंबी छुट्टी पर भेजा जाए। इसके साथ ही पूरे मामले की एसटीएफ से जांच करने का अनुरोध किया है।

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उन्होंने कहा कि दो दिन पहले यानी 18 जून को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया था कि महानिरीक्षक निबंधन के खिलाफ भ्रष्टाचार की काफी शिकायतें मिली हैं। उनके द्वारा कई बार शिकायतों व जांच के दौर से गुजरे दागदार भ्रष्ट अधिकारियों को उनकी मनमाफिक तैनाती कर दी गई। इसमें लाखों रुपये के लेन-देन की शिकायतें मिल रही हैं। उनकी खुद की भूमिका भी संदिग्ध दिख रही है। मंत्री ने कहा कि तबादलों को लेकर महानिरीक्षक निबंधन ने मुझसे सतही चर्चा की और बाद में कहा कि उप निबंधकों व निबंधन सहायकों का तबादला मेरा अधिकार है, आपसे पुन: चर्चा का कोई औचित्य नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल स्विच आफ कर लिया। उनके बारे में पता करने पर उनकी स्टाफ ने उनकी उपलब्धता की सही जानकारी नहीं दी।

उप निबंधकों व निबंधन सहायकों की तबादला सूची देखने से पता चलता है कि इसमें घोर लापरवाही की गई। दागदार अधिकारियों की महत्वपूर्ण तैनाती की गई। सीधी भर्ती के अधिकारियों को अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण कार्यालयों में तैनाती दी गई। इसमें स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार दिख रहा है। कहा कि अब दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। जांच मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर से तय होगी। इस बीच माना जा रहा है कि महानिरीक्षक निबंधन पर कार्रवाई हो सकती है।

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