ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कदम को गैर-कानूनी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना बताया है। AIMPLB का कहना है कि यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को कमजोर कर सकता है।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए उम्मीद पोर्टल ऐसे वक्त पर लॉन्च किया गया है, जब वक्फ संशोधन एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हुई लंबी सुनवाई के बाद उस पर फैसला लंबित है। इससे पहले संसद के दोनों सदनों ने इस बिल का बहुमत से पारित किया था।
कई मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन एक्ट का विरोध कर रहे हैं और इसे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए खतरा बता रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी इस एक्ट के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इस पर फैसला सुरक्षित रखा गया है।
बीते अप्रैल में वक्फ संशोधन कानून संसद से पारित हो गया था, जिसके बाद अब केंद्र सरकार इसके क्रियान्वयन को लेकर तैयारी में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक सरकार इसके लिए जल्द ही राज्य सरकारों से भी सलाह मशवरा करेगी।
वक्फ संशोधन अधिनियम पर तीन दिनों से सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी, जो गुरुवार को पूरी हो गई है। CJI जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान सभी के बीच दिलचस्प संवाद हुआ।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दलीलों का जवाब देते हुए, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष केंद्र की ओर से अपनी दलीलें पेश कीं।
मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द (अरशद मदनी) की उत्तर प्रदेश इकाई ने कल लखनऊ में कार्यकारिणी की अहम बैठक बुलाई है। कानूनी सलाहकार काब रशीदी ने बुधवार को बैठक के एजेंडा के बारे में जानकारी दी।
कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूर्व CJI संजीव खन्ना ने कहा था कि हम मामले की सुनवाई करेंगे और देखेंगे कि क्या अंतरिम राहत दी जानी चाहिए। अब हमें तीन मुद्दों तक सीमित रहने को कहा जा रहा है, टुकड़ों में सुनवाई नहीं हो सकती।
सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार इस ऐक्ट के माध्यम से वक्फ की संपत्तियां ही कब्जा कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि वक्फ का अर्थ अल्लाह के लिए समर्पण से है। यदि कोई वक्फ में अपनी संपत्ति देता है तो वह एक तरह से अल्लाह के लिए दान है और उसका इस्तेमाल नहीं बदला जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज पूरा दिन सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि इस कानून को लेकर अंतरिम आदेश की जरूरत है या नहीं।