चीन और पाक संग बैठक के बाद बांग्लादेश ने कहा बैठक में भारत विरोधी एजेंडा शामिल नहीं था। यह बयान चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ा कूटनीतिक झटका मानी जा रही है, क्योंकि दोनों देश इस बैठक को एक रणनीतिक पहल के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे थे।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भी शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तानी इलाकों में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया था। इस हमले के बाद चार दिनों तक संघर्ष जारी रहा, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के बाद थम गया।ि
मध्य पूर्व में तेजी से बदलते घटनाक्रम और तनाव के बीच पाकिस्तान भी ऐक्टिव हो गया है। उसने ईरान को खुलकर समर्थन देने की घोषणा कर दी है। साथ ही सऊदी अरब और कतर से भी नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी हैं।
अमेरिका में मुनीर के लंच के बाद पाकिस्तान की खूब किरकिरी हो रही है। अब पाकिस्तान में सेना और सरकार के गठजोड़ पर सवाल उठने लगा है। पाकिस्तानी मीडिया में इसकी खासी आलोचना हो रही है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने इसको लेकर सवाल उठाया है।
दिलचस्प तथ्य है कि एक सेना प्रमुख को लेकर दावा किया जा रहा है कि उसकी ट्रंप से कारोबार को विस्तार देने पर बात हुई। यह सच है तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज के लिए अपमानजनक है। दो देश के राष्ट्राध्यक्षों के बीच ही व्यापार को लेकर बात होती है, लेकिन ट्रंप से मुनीर की वार्ता सवाल खड़े करने वाली है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए चार दिनों के सैन्य संघर्ष में हर मोर्चे पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने अब रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला किया है लेकिन बड़ी बात यह है कि यह फैसला ऐसे समय में किया है, जब वहां लोग दाने-दाने को मोहताज हैं।
वर्ल्ड बैंक के ताजा आंकड़ों ने दो पड़ोसी देशों भारत और पाकिस्तान की गरीबी मिटाने की नीति और नीयत का अंतर साफ कर दिया है। बताया कि एक तरफ भारत ने गरीबी से जंग जीत ली है, दूसरा पाक भुखमरी के दलदल में फंसता जा रहा है।
पाकिस्तान के बजट पूर्व आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर ब्याज का बोझ इसी तरह बढ़ता रहा और अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा को खोखला कर सकता है।
शरीफ ने इस दौरान एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप को क्रेडिट दिया और कहा कि आपने ही भारत से तनाव खत्म कराया और सीजफायर हुआ। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने दिखा दिया कि वह शांति के पक्षधर हैं और कारोबार को बढ़ावा देने वाले हैं। हम चाहते हैं कि वह भारत के साथ हमारी वार्ता करा दें।
भारत से उलझने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद पतली हो चुकी है। पाकिस्तान के खुद के मंत्री ने बताया है कि पाकिस्तान में 100 से ज्यादा विकास योजनाओं को रोक दिया गया है।