पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे एस खेहर एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव वाले विधेयकों का अध्ययन कर रही संसदीय समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे।
संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के संदर्भ में गठित इस समिति ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से भी औपचारिक भेंट की।
इन विधेयकों को अब एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया है, जिसमें 39 सदस्य (27 लोकसभा और 12 राज्यसभा) शामिल हैं। समिति को 90 दिनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करनी हैं।
एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए दो संशोधन विधेयकों पर बनी संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है। 17 दिसंबर को यह विधेयक सदन में पेश किया गया था।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली उच्च स्तरीय समिति के सचिव आईएएस अधिकारी नितेन चंद्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता तथा कांग्रेस के पूर्व सांसद ई एम सुदर्शन नचियप्पन भी समिति के समक्ष पेश हुए।
केंद्र सरकार ने जेपीसी के सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि एकसाथ चुनाव कराने से नए चेहरों को भी चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। जेपीसी ने केंद्र सरकार से कई सवाल किए थे।
बीजेपी के सीनियर नेता ने कहा, 'हमारे पास केंद्र और कई राज्यों में बहुमत है। ऐसे में विधेयक को मंजूरी दिलाने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। मगर, हम 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को जन आंदोलन बनाना चाहते हैं।'
एक देश एक चुनाव को अमल में लाने के लिए जेपीसी ने बड़ा कदम उठाते हुए चुनाव आयोग के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को बुलाने का फैसला किया है।
राजधानी दिल्ली स्थित के करिअप्पा परेड मैदान में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की वार्षिक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह यह बात कही।
इस भारी सूटकेस ने सांसदों और मीडिया, दोनों का ध्यान खींचा। भाजपा सांसद डॉ. संबित पात्रा ने इसे उठाकर सीढ़ियों से नीचे ले जाने का जज्बा दिखाया, जबकि कुछ सांसदों ने इसे लिफ्ट के जरिए अपने वाहनों तक पहुंचाया। वहीं, कुछ ने इसे अपने सहायकों के हवाले कर दिया।