वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर शिमला में क्या मंथन हुआ? सीएम सुक्खू ने भी दिए सुझाव
संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के संदर्भ में गठित इस समिति ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से भी औपचारिक भेंट की।

'एक देश, एक चुनाव' (वन नेशन, वन इलेक्शन) के प्रस्ताव को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने शिमला में दो दिवसीय दौरे के दौरान राज्य सरकार, विपक्ष,राजनीतिक दलों,प्रशासनिक अधिकारियों और विभिन्न संस्थाओं से विस्तृत विचार-विमर्श कर हिमाचल की नब्ज टटोली। इस दौरान समिति को विभिन्न पक्षों से सुझाव और प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं।
मुख्यमंत्री से हुई भेंट,रखे अहम सुझाव
संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के संदर्भ में गठित इस समिति ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से भी औपचारिक भेंट की।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बैठक के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि भले ही कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का विरोध कर रही है, लेकिन प्रदेश सरकार ने समिति के समक्ष रचनात्मक सुझाव रखे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए कुछ बिंदुओं पर विचार जरूरी है, जैसे कि यदि उपचुनाव की स्थिति आती है तो एक वर्ष के भीतर उपचुनाव करवाना अनिवार्य होना चाहिए ताकि जनप्रतिनिधित्व का संतुलन बना रहे।
भाजपा ने सौंपी रिपोर्ट, 1287 पंचायतों से आए समर्थन में प्रस्ताव
वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने समिति से मुलाकात की और 'एक देश, एक चुनाव' के समर्थन में तैयार की गई रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में बताया गया कि भाजपा ने राज्य की विभिन्न पंचायतों, स्थानीय निकायों, लॉ कॉलेजों व विश्वविद्यालयों से 1500 से अधिक प्रस्ताव प्राप्त किए, जिनमें से 1287 प्रस्ताव इस चुनाव प्रणाली के पक्ष में हैं।
डॉ. बिंदल ने कहा कि 2010 में मुख्यमंत्री प्रो.प्रेम कुमार धूमल के समय भी हिमाचल विधानसभा में इस विषय पर एक प्राइवेट मेंबर रेजोल्यूशन पारित हुआ था। उन्होंने कहा कि देश में बार-बार होने वाले चुनाव न केवल आर्थिक दृष्टि से बोझिल हैं,बल्कि विकास योजनाओं को भी बाधित करते हैं। भाजपा नेताओं ने समिति को बताया कि यदि लोकसभा,विधानसभा,स्थानीय निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं तो इससे चुनावी खर्च में भारी कटौती होगी, प्रशासनिक मशीनरी की बचत होगी और बार-बार लगने वाली आदर्श आचार संहिता से विकास योजनाओं को बार-बार रुकना नहीं पड़ेगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में डॉ.बिंदल के साथ पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज,विधायक जीत राम कटवाल,प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा और शिमला जिला अध्यक्ष केशव चौहान भी शामिल रहे। डॉ.बिंदल ने कहा कि समिति ने भाजपा के प्रयासों की सराहना की और कहा कि जिस तरह से प्रदेश की 1200 पंचायतों,विश्वविद्यालयों और कानून छात्रों से रायशुमारी की गई,वह सराहनीय है।
अनुराग ठाकुर भी रहे बैठक में शामिल
समिति सदस्य और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग ठाकुर भी बैठक में उपस्थित रहे। उन्होंने समिति की बैठकों में भाग लेते हुए 'एक देश, एक चुनाव' की आवश्यकता और इसके व्यावहारिक पक्ष पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था देश के संसाधनों के बेहतर उपयोग और प्रशासनिक दक्षता के लिए बेहद जरूरी है। अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि आज देश में एक वर्ष के भीतर कई राज्यों में अलग-अलग चुनाव होते हैं, जिससे नीति निर्माण प्रभावित होता है। यदि चुनाव एक साथ होंगे तो नीति का एकरूपता से क्रियान्वयन संभव होगा।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इस दौरान अपने विचार रखे। उन्होंने भी 'एक देश, एक चुनाव' के पक्ष में अपनी राय रखते हुए कहा कि इससे लोकतंत्र की स्थिरता को मजबूती मिलेगी और राजनीतिक अस्थिरता पर लगाम लगेगी। समिति के शिमला दौरे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उपाध्यक्ष विनय कुमार, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने-अपने स्तर पर सुझाव दिए।
रिपोर्ट : यूके शर्मा
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