उत्तराखंड का पहला हनुमान मंदिर बजरंगढ़ है। यह मंदिर नैनीताल-हल्द्वानी मोटर मार्ग में घाटी नामक स्थान में बजरी के एक ऊंचे पहाड़ी टीले पर स्थित है। इस स्थान पर पहले श्मशान था। मुकुन्दा की किताब ‘अनन्त कथामृत’ में उत्तराखंड के पहले हनुमान मंदिर के निर्माण का वर्णन है।
Sankat Mochan Hanuman Ashtak : रोजाना विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए और संकटों से मुक्ति के लिए नियमित रूप से संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ करना चाहिए।
Fourth Bada Mangal:ज्येष्ठ माह के चौथे बड़े मंगल पर शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को है। बड़े मंगल के साथ ही धूमावती जयंती व मासिक दुर्गाष्टमी होने के कारण इस दिन हनुमान जी के साथ मां दुर्गा की भी पूजा होगी।
शनि की साढ़ेसाती लगने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है।
आज ज्येष्ठ मास का पहला मंगलवार है। सूर्य के वृष राशि में आने पर ज्येष्ठ मास शुरू होता है। ज्येष्ठ का अर्थ है- बड़ा और इस मास में दिन बड़े होते हैं। ज्येष्ठ मास का स्वामी मंगल है, जो अग्निकारक है इसलिए इस मास में भीषण गर्मी पड़ती है।
नैमिषारण्य में इसी स्थान से हनुमान जी अहिरावण का वध करने के बाद प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण जी को कंधों पर बैठाकर पाताल से बाहर आए थे, ज्येष्ठ मास में यहां लगेगा श्रद्धालुओं का तांता
यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि आजम खां को दिखाई दिया कि ड्राइवर ने गाड़ी में छोटी सी हनुमान जी की मूर्ति लगाई हुई है। इस पर उन्होंने आपत्ति कर दी, लेकिन मैंने साफ कर दिया कि वह मूर्ति गाड़ी से नहीं हटेगी।
Happy Hanuman Janmotsav 2025 Wishes in Hindi: संकटमोचन हनुमान का जन्मोत्सव 10 अप्रैल यानी आज है। इस दिन भक्त हनुमान जी की के साथ भगवान श्रीराम व माता सीता की विधि-विधान से पूजा करते हैं।
हनुमान जी इस कलयुग के प्रधान देव हैं और अजर-अमर हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था। हर साल इस दिन धूम-धाम से हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हर वर्ष चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसी पावन दिन त्रैता युग में हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था।