बिजली निगम ने नियामक आयोग में दरों में भारी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दाखिल किया था जिसे लेकर काफी चिंताएं जताई जा रही हैं। इस बीच प्रीपेड बिजली कनेक्शन वालों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें बिजली दरों में 2 फीसदी तक की छूट देने का प्रस्ताव भी बिजली निगम ने किया है। ऑनलाइन भुगतान पर भी कुछ राहत मिल सकती है।
यूपी में पावर कॉरपोरेशन का प्रस्ताव पास हुआ तो बिजली कितनी महंगी हो जाएगी। ग्रामीण और शहरी इलाकों में प्रति यूनिट कितना देना होगा। प्रस्ताव के अनुसार अधिकतम दर को न्यूनतम करने की मांग की गई है।
भीषण गर्मी के कारण बिहार में रोजाना 40 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जल रहे हैं। हालांकि, पिछले महीने तक औसतन 30 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जल रहे थे। जिस हिसाब से गर्मी बढ़ रही है, बिजली कंपनी को आशंका है कि ट्रांसफॉर्मर जलने की संख्या हर रोज 50 तक भी पहुंच सकती है।
पावर कॉरपोरेशन ने बिजली कंपनियों की आय और बिजली आपूर्ति करने में आ रहे खर्च के बीच 19,600 करोड़ रुपये से अधिक का अंतर दिखाया है। कॉरपोरेशन ने कहा कि इस अंतर की भरपाई के लिए मौजूदा बिजली दरों में 30 प्रतिशत का इजाफा करना होगा।
जनता को आपत्तियां और सुझाव दाखिल करने के लिए 21 दिन की मोहलत दी गई है। जुलाई में इस संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव पर सुनवाई शुरू होने की उम्मीद है। आयोग द्वारा प्रस्ताव पर गुपचुप मंजूरी देने और उसे पब्लिक डोमेन में न डालने पर आपत्तियां जताई जा रही हैं।
बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगने वाला है। जून के बिजली बिल में उपभोक्ताओं से 4.27 फीसदी की अतिरिक्त वसूली होगी यानी, अगर किसी उपभोक्ता का बिजली बिल 2000 रुपये होगा तो उसे बिल में 85.40 रुपये ज्यादा देने होंगे।
दो उपभोक्ताओं ने दुकानों पर बिजली कनेक्शन सही लिया था लेकिन दूसरी मंजिल पर मीटर बाइपास कर एसी का इस्तेमाल कर रहे थे। इस दौरान 48 उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए गए। जिन लोगों का बिल ज्यादा बकाया था, उन्हें बिजली कनेक्शन काटने को कहा गया तो कईयों ने बिल जमा कर दिया।
हसनपुर, संवाददाता। भाकियू असली ने बिजली मूल्य में 30 प्रतिशत वृद्धि का विरोध किया। मंगलवार को मंडी समिति में आयोजित पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि किसा
यूपी में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की तैयारी हो रही है। इसे लेकर अभी से विरोध और बड़े आंदोलन की रुपरेखा भी बन गई है। भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के राष्टीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने इस बढ़ोतरी का जोर-शोर से विरोध का ऐलान कर दिया है।
पावर कॉरपोरेशन के मुताबिक, दरें तय करने के लिए अब तक निर्धारित मानकों, प्रतिबंधों के साथ वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दाखिल की जाती थीं।इसमें तमाम खर्च छुप जाते थे। इस बार दरें तय करने के लिए बिजली कंपनियों की बैलेंस शीट, कैश फ्लो की वास्तविक स्थिति रखी है।