सूत्रों ने बताया कि पटना सीबीआई की टीम डीएसपी के नेतृत्व में छापेमारी कर डाकपाल के ठिकाने से कुल पांच लाख रुपये कैश, जमीन के कई कागजात, जेवर व अन्य सामान भी बरामद कर जब्त किये हैं। वहीं डाकपाल मनीष कुमार से घंटों पूछताछ भी की।
सीबीआई ने सासाराम में केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य मयंक कुमार श्रीवास्तव को 32 हजार रुपये लेते गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई से स्कूल में हड़कंप मच गया।
जौनपुर में पोस्टमास्टर से डाक निरीक्षक ने ही 25 हजार रुपए की रिश्वत मांग ली। इससे परेशान होकर पोस्टमास्टर ने सीबीआई से शिकायत की। सीबीआई ने छापा मारकर डाक निरीक्षक और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लखनऊ ले गई।
हाईकोर्ट ने सीबीआई को चेतावनी देते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक यदि काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया गया तो एजेंसी को पटना हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी में 10 हजार रुपये कॉस्ट के जमा करने पड़ेंगे।
रेलवे की निगरानी विभाग ने अनियमितता और कमीशनखोरी को लेकर सीबीआइ में शिकायत की थी। सत्यापन के बाद सीबीआइ पटना की एसीबी शाखा ने 25 अप्रैल को केस दर्ज कर विधिवत जांच शुरू की।
गया रेल डिपो इंचार्ज पर सीबीआई व रेल विजिलेंस टीम को यह शिकायत मिली कि रेलवे द्वारा ठेकेदार के माध्यम से जो सामग्री डिपो में आता था। उसे ग्रुप डी के कुछ कर्मियों के माध्यम से लेनदेन किया जाता है। जांच में टीम को गड़बड़ी की शिकायत मिली है। सूत्रों ने बताया कि आगे और भी जांच की जाएगी।
सीबीआई ने राजधानी दिल्ली के सादिक नगर में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सेंट्रल जोन के एक एरिया इंस्पेक्टर को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
संदीप दागर नामक एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए वीडियो कॉल किया। उसने आधार नंबर किसी अपराधी को देने, केनरा बैंक में खाता खुलवाकर उसमें 17 करोड़ रुपए के लेन-देन का आरोप लगाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।
सुहैल बशीर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में केरल पुलिस की ओर से वांटेड है। तोफिक नजीर खान पर जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए आपराधिक साजिश के एक मामले में गुजरात पुलिस की ओर से वांछित है।
दरअसल, 17 साल पहले गलत डिलीवरी के चलते रिश्वत का यह मामला सामने आया था। जस्टिस निर्मलजीत कौर 2008 में महज 33 दिन पहले ही हाई कोर्ट की जज बनी थीं। उनके घर के दरवाजे पर अचानक नोटों से भरा पैकेट पहुंचा दिया गया।