भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए बुरी खबर, चीन से मिली हार के बाद FIH प्रो लीग से रेलीगेट हुई टीम इंडिया
भारतीय महिला हॉकी टीम शनिवार को चीन से 0-3 से हारने के बाद एफआईएच प्रो लीग से रेलीगेट (निचली लीग में खिसकना) हो गई है। इस हार ने टीम का अंक तालिका में सबसे निचले स्थान पर होना सुनिश्चित कर दिया।

भारतीय महिला हॉकी टीम को शनिवार 28 जून को उस समय बड़ा झटका लगा, जब टीम चीन से 0-3 से हारने के बाद एफआईएच प्रो लीग से रेलीगेट हो गई। रेलीगेट के मायने ये है कि अब टीम निचली लीग में खिसक गई है। इस हार ने टीम का अंक तालिका में सबसे निचले स्थान पर होना सुनिश्चित कर दिया। भारत की एफआईएच प्रो लीग के यूरोपीय चरण में यह लगातार सातवीं हार है। भारत के नाम 15 मैचों में 10 अंक है और टीम 2024-25 एफआईएच प्रो लीग के अपने आखिरी मैच में रविवार को फिर से चीन के खिलाफ खेलेगी।
दिन के अन्य मैच में इंग्लैंड से 0-1 की हार के साथ जर्मनी 13 अंकों के साथ भारत से एक पायदान ऊपर है। भारत अगर अपने आखिरी मैच में चीन को हरा भी देता है तब भी वह 12 अंक तक ही पहुंचेगा। भारत ऐसे में 2025-26 सत्र में एफआईएच प्रो लीग के दूसरे स्तर एफआईएच नेशंस कप में रेलीगेट हो गया। इंग्लैंड 15 मैचों में 14 अंकों के साथ सातवें स्थान पर है। चेन यांग (21वें मिनट) और झांग यिंग (26वें मिनट) ने पेनल्टी कॉर्नर से गोल किए, जबकि आनहुल यू (45वें मिनट) ने मैदानी गोल कर भारत के खिलाफ चीन को यादगार जीत दिलायी।
भारत ने मुकाबले में अच्छी शुरुआत की और पहले क्वार्टर में चीन के सर्किल में पहुंच कर उसकी रक्षापंक्ति को कड़ी टक्कर दी। बलजीत कौर के पास तीसरे मिनट में मैच का पहला गोल करने का मौका था लेकिन उनका शॉट गोल-पोस्ट से बाहर चला गया। इसके एक मिनट बाद भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन दीपिका ने दोनों मौकों को जाया कर दिया। चीन के खिलाड़ियों जल्द ही सामंजस्य कायम करते हुए अपना पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने सजगता दिखाते हुए गोल नहीं करने दिया।
अनुभवी भारतीय गोलकीपर सविता ने इसके बाद कुछ शानदार बचाव किये जिसमें 13वें मिनट में गुओटिंग हाओ के रिवर्स हिट को रोकना भी शामिल था। पहले क्वार्टर के कुछ सेकंड शेष रहते चीन को दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वे पुश को रोक नहीं पाए। चीन ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किए लेकिन उन मौकों का फायदा नहीं उठा पाए। चीन को इस क्वार्टर में जोरदार शुरुआत करने का एक और फायदा 21वें मिनट में मिला जब टीम ने भारतीय रक्षापंक्ति पर दबाव बनाकर एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। चेन यांग ने इसे गोल में बदलने को कोई गलती नहीं की।
चीन ने भारतीय रक्षापंक्ति पर दबाव बनाए रखा और 26वें मिनट में अपना पांचवां पेनल्टी कॉर्नर प्राप्त किया। इस बार झांग यिंग ने इस पर गोल कर टीम को 2-0 से आगे कर दिया। मध्यांतर से पहले भारतीयों ने कुछ मौके बनाए, लेकिन हमेशा की तरह उसे गोल पोस्ट तक ले जाने में विफल रहे। भारतीय खिलाड़ियों ने तीसरे क्वार्टर के शुरुआती मिनटों में लगातार हमलों के साथ दबदबा कायम किया लेकिन चीन के मजबूत रक्षापंक्ति को भेदने में नाकाम रहे। चीन ने भारतीय रक्षापंक्ति में सुस्ती का फायदा उठाया और 45वें मिनट में आनहुल के मैदानी गोल से अपनी बढ़त को तिगुना कर दिया। भारत ने मैच में अपने पहले गोल की तलाश में 55वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक हासिल किया, लेकिन दीपिका ने सुनहरा मौका गंवा दिया।
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