पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस साल 27 जून से शुरू होगी। यह रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को शुरू होती है। रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा जगन्नाथ पुरी मंदिर में अपने मंदिर परिसर से निकलकर, रथ पर सवार होकर, अपने भक्तों से मिलने के लिए गुंडिचा मंदिर की यात्रा करेंगे। भक्त इस रथ यात्रा देखने और एक बार रथ को छूने के लिए दुनिया भर से आते हैं।
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जगन्नाथ रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर पुरी से गुंडिचा मंदिर तक निकलती है। ग्रंथ स्कंद पुराण के अनुसार, यह माना जाता है किभगवान श्री हरि अपने वादे को पूरा करने के लिए गुंडिचा मंदिर में अपने रथ पर सवार होते हैं।
जगन्नाथ मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं, जैसे भगवान की मूर्ति हर 12 साल में बदली जाती है। 12 साल में अधिकमास के समय यह किया जाता है और उस समय पूरे शहर की बिजली काट दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि तीनों की मूर्तियों को बदला जाता है. जिसके बाद वहां काष्ठ की मूर्ति स्थापित की जाती है। सिर्फ पुजारी ही मंदिर में रहते हैं और मंदिर में उस समय कड़ी सुरक्षा रहती है।
आपको बता दें कि मंदिर में एक सिंहद्वार है। ऐसा कहा जाता है कि जब इस सिंहद्वार में कदम रखते हैं, तो बाहर से समुद्र की लहरों की आवाज नहीं आती है। इसके अलावा इसके आसपास चिताओं की गंध भी इसके अंदर कदम रखने पर समाप्त हो जाती है।