Hindi Newsएनसीआर न्यूज़No new excise policy for Delhi current one to continue till March 2026

दिल्ली के लिए अभी कोई नई शराब नीति नहीं, मौजूदा पॉलिसी मार्च 2026 तक रहेगी जारी

दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब बिक्री के लिए मौजूदा आबकारी नीति को 1 जुलाई से 31 मार्च-2026 तक जारी रखने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी। आबकारी उपायुक्त तनवीर अहमद की ओर से आज जारी आदेश के मुताबिक पिछले वर्षों के आधार पर ही इस बार भी लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। पीटीआईSat, 28 June 2025 06:16 AM
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दिल्ली के लिए अभी कोई नई शराब नीति नहीं, मौजूदा पॉलिसी मार्च 2026 तक रहेगी जारी

दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब बिक्री के लिए मौजूदा आबकारी नीति को आगामी 1 जुलाई से 31 मार्च-2026 तक जारी रखने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी। आबकारी उपायुक्त तनवीर अहमद की ओर से आज जारी आदेश के मुताबिक पिछले वर्षों के आधार पर ही इस बार भी लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा।

आदेश में कहा गया है कि आवेदन दाखिल करने की अवधि के आधार पर नवीनीकरण शुल्क तय किया जाएगा। 30 दिनों के भीतर आवेदन दाखिल किए जाने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा, जबकि 60 दिनों की देरी होने पर 25 प्रतिशत और 60 दिनों से अधिक की देरी होने पर 100 फीसदी अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपनी आबकारी नीति (शराब नीति) को आगे बढ़ा दिया है। हालांकि, राजधानी में शराब व्यापार को विनियमित करने के लिए एक नई व्यवस्था लाने पर काम चल रहा है।

दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग द्वारा गुरुवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि लाइसेंसिंग वर्ष 2022-23 (जिसे 2023-24 और 2024-25 में जारी रखा गया था) से लागू आबकारी शुल्क आधारित व्यवस्था को आबकारी वर्ष 2025-26 के लिए जारी रखने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा मंजूरी दे दी गई है।

आदेश में कहा गया है कि मौजूदा नीति को 1 जुलाई से 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाया जाएगा। मौजूदा नीति की शर्तों और आनुपातिक लाइसेंस फीस के भुगतान के आधार पर थोक लाइसेंस दिए जाएंगे।

आदेश में कहा गया है, "इसके अलावा, हर साल रिन्यू होने वाले सभी लाइसेंसों की शर्तें आबकारी वर्ष 2025-26 के लिए भी जारी रहेंगी।"

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में अधिकारियों को 30 जून तक नई आबकारी नीति का मसौदा प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक नई नीति लाना है जो पारदर्शिता के साथ गुणवत्तापूर्ण शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करे और इसके लिए राजस्व उत्पन्न करे।

मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक हाई लेवल कमेटी अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन करके नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।

आबकारी आयुक्त द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि लाइसेंसिंग वर्ष 2025-26 के लिए नियम और शर्तें लाइसेंसिंग वर्ष 2022-23 के समान ही हैं। नोटिस में कहा गया है कि 30 जून तक सक्रिय मौजूदा लाइसेंस/पंजीकृत ब्रांडों के मामले में मूल्य संरचना, लेबल, स्रोत और गोदाम आदि में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

पंजीकृत ब्रांडों को वर्ष 2025-26 के लिए लाइसेंसिंग वर्ष 2024-25 के समान नियमों और शर्तों पर पंजीकृत किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अपेक्षित फीस का भुगतान और अंडरटेकिंग प्रस्तुत की जा सकती है।

विस्तारित नीति, जिसे पुरानी आबकारी नीति के रूप में भी जाना जाता है, सितंबर 2022 में लागू हुई थी, जब तत्कालीन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने 2021-22 की अपनी शराब नीति को कथित घोटालों और अनियमितताओं के आरोपों के चलते रद्द कर दिया था। 

पुरानी नीति को अलग-अलग अवधि के लिए बढ़ाया गया है, क्योंकि दिल्ली सरकार अभी तक नई नीति लेकर नहीं आई है। 

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