दिल्ली के स्कूलों में लगेगा रोजगार मेला, वोकेशनल कोर्स के साथ 12वीं पास छात्रों को मिलेगी नौकरी
दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में वोकेशनल एजुकेशन के साथ 12वीं क्लास पास करने वाले छात्रों के लिए प्लेसमेंट अभियान आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।

दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में वोकेशनल एजुकेशन के साथ 12वीं क्लास पास करने वाले छात्रों के लिए प्लेसमेंट अभियान आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।
शिक्षा निदेशालय ने 2014-15 में राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा के तहत 9वीं से 12वीं क्लास के लिए वोकेशनल एजुकेशन शुरू किया था। इसके तहत शामिल विषयों में आईटी, रिटेल, एग्रीकल्चर, हेल्थ सर्विस, टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी के साथ-साथ ब्यूटी एंड वेलनेस और ऑटोमोटिव जैसे विशेष क्षेत्र शामिल हैं।
पाठ्यक्रम को स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ-एसई) 2023 के साथ अटैच किया गया है। यह तीन श्रेणियों पर आधारित है- वर्क विद लाइफ फार्म्स, वर्क विद मशीन और वर्क विद ह्यूमन सर्विस। छात्रों से तीनों श्रेणियों में से प्रत्येक से एक हर वर्ष तीन प्रोजेक्ट पूरे करने की अपेक्षा की जाती है।
कार्यक्रम में जैविक खेती, मिट्टी के बर्तन, बढ़ईगीरी, बाजरे से खाना बनाना, कढ़ाई और बुनियादी बिजली के काम जैसी गतिविधियों के माध्यम से व्यावहारिक शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाता है। बयान में कहा गया है कि शिक्षक छात्रों को सुरक्षित तरीके से कार्य करने, समूहों में सहयोग करने और व्यावहारिक परिस्थितियों में सीखने के लिए मार्गदर्शन करेंगे।
सर्कुलर में कहा गया है कि प्रत्येक छात्र का मूल्यांकन लिखित परीक्षा, मौखिक प्रस्तुतीकरण, गतिविधि पुस्तकों, पोर्टफोलियो और शिक्षक अवलोकन के आधार पर किया जाएगा। इन गतिविधियों के लिए प्रतिवर्ष कुल 110 घंटे आवंटित किए जाएंगे।
शिक्षा विभाग ने अपनी व्यावसायिक शिक्षा शाखा के माध्यम से स्कूल प्रमुखों से पात्र छात्रों की विस्तृत जानकारी इकट्ठा करके प्रस्तुत करने को कहा है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को संभावित नियोक्ताओं से जोड़ना और उनके शीघ्र रोजगार की संभावनाओं को बेहतर बनाना है।
व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम वर्तमान में 625 राज्य-वित्तपोषित स्कूलों और समग्र शिक्षा ढांचे के तहत 360 स्कूलों में लागू किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप है, जो व्यावहारिक कौशल और प्रशिक्षण के माध्यम से छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करने पर जोर देता है।
2 जून के सर्कुलर के अनुसार, स्कूलों को छात्रों के बारे में डेटा एकत्र करना आवश्यक है। इसमें व्यावसायिक विषयों का अध्ययन, रोजगार में रुचि रखने वाले छात्रों की संख्या और प्रासंगिक शिक्षक विवरण शामिल हैं। यह जानकारी प्लेसमेंट के अवसरों की पहचान करने और स्कूलों और उद्योग भागीदारों के बीच एक पुल बनाने में मदद करेगी।
यह कदम व्यावसायिक शिक्षा को फिर से परिभाषित करने और गैर-पारंपरिक शैक्षणिक मार्ग चुनने वाले छात्रों के लिए कैरियर बनाने के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। इस साल मई में शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए एक पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया है।