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BJP के खिलाफ इस मुद्दे पर साथ आए ठाकरे बंधु, राज और उद्धव ने मिलकर खोला मोर्चा

शिवसेना (UBT) प्रमुख ने घोषणा की कि उनकी पार्टी स्कूलों में त्रि-भाषा फार्मूले और हिंदी थोपे जाने के खिलाफ सात जुलाई को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में नागरिक समाज के सदस्यों द्वारा आयोजित प्रदर्शन में भाग लेगी।

Nisarg Dixit भाषाFri, 27 June 2025 09:46 AM
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BJP के खिलाफ इस मुद्दे पर साथ आए ठाकरे बंधु, राज और उद्धव ने मिलकर खोला मोर्चा

शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में हिंदी 'थोपे जाने' जाने को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भाषा के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उद्धव के चचेरे भाई एवं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी त्रि-भाषा फार्मूले और हिंदी 'थोपे जाने' के सरकार के कदम का विरोध किया। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है, जब ठाकरे बंधुओं के एकजुट होने की अटकलें तेज हैं।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यहां पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि उनकी पूर्व सहयोगी भाजपा मुख्य रूप से मराठी भाषी राज्य में ‘‘भाषा आपातकाल’’ लगाने का प्रयास कर रही है। ठाकरे ने इस बात पर बल दिया कि उनकी पार्टी हिंदी के विरोध में नहीं है, लेकिन साफ तौर पर इसे थोपे जाने के खिलाफ है।

मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा एक से पांचवीं तक के छात्रों को हिंदी पढ़ाने को लेकर जारी विवाद के बीच उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भाषा का विरोध या उससे नफरत नहीं करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी भी भाषा को थोपने की अनुमति देंगे। हम हिंदी थोपे जाने का विरोध करते हैं और यह जारी रहेगा।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘भाजपा भाषा के आधार पर लोगों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है और यह भाषा आपातकाल लगा रही है।’’ ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा का गुप्त एजेंडा हिंदी को थोपने का है।

विपक्षी नेता ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस घोषणा करते हैं कि राज्य के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य नहीं की जाएगी तो विवादास्पद भाषा का मुद्दा हल हो सकता है। ठाकरे ने कहा कि 2019 से 2022 तक मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने महाराष्ट्र के सभी स्कूलों में मराठी को अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया था।

शिवसेना (UBT) प्रमुख ने घोषणा की कि उनकी पार्टी स्कूलों में त्रि-भाषा फार्मूले और हिंदी थोपे जाने के खिलाफ सात जुलाई को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में नागरिक समाज के सदस्यों द्वारा आयोजित प्रदर्शन में भाग लेगी।

सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में घटक शिवसेना के प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘गद्दारों’’ को पार्टी के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के आदर्शों के बारे में याद दिलाना चाहिए।

इस बीच, एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी छह जुलाई को एक मार्च निकालेगी। लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह विरोध प्रदर्शन किसी भी पार्टी के मंच से नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मनसे अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं, साहित्यकारों और कलाकारों से बात करेगी ताकि वे विरोध में शामिल हो सकें।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) के नेताओं को भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगे तो राज ठाकरे ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से संपर्क किया जाएगा। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र किसी भी लड़ाई से बड़ा है। स्कूली पाठ्यक्रम में तीसरी भाषा के विवाद पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि हिंदी वैकल्पिक है जबकि मराठी अनिवार्य है।

राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह एक संशोधित आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली से पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों को हिंदी सामान्यतः तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी, जिसके बाद विवाद पैदा हो गया।

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