क्या फसलों की सिंचाई पर किसानों से लिया जाएगा टैक्स? जानें वायरल दावे की सच्चाई
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने स्पष्ट किया कि इस पायलट प्रोजेक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। ना ही, भारत सरकार की ओर से कोई निर्देश जारी किया गया है कि किसानों से पानी के उपयोग के लिए अनिवार्य रूप से शुल्क वसूला जाए।

जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण विभाग और जल शक्ति मंत्रालय ने मीडिया की उस रिपोर्ट को गलत बताया, जिसमें कहा गया कि भारत सरकार की ओर से शुरू की जा रही नई योजना के तहत किसानों को अब पानी के इस्तेमाल के लिए शुल्क देना होगा। मंत्रालय ने साफ किया कि विचाराधीन पायलट प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन आधुनिकीकरण योजना से संबंधित है। इस पहल का उद्देश्य सिंचाई को बढ़ाना, जल का समान वितरण सुनिश्चित करना, वितरण में प्रभावी जल प्रबंधन व पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। इसके लिए दबावयुक्त पाइपलाइन नेटवर्क, एलओटी उपकरणों और एससीएडीए प्रणालियों जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने स्पष्ट किया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत न तो कोई प्रावधान है और न ही भारत सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश है कि किसानों पर पानी के उपयोग पर अनिवार्य रूप से शुल्क लगाया जाए। हाल ही में संवाददाता सम्मेलन के दौरान मीडिया के सदस्यों की ओर से इस मुद्दे को कई बार उठाया गया। इसे लेकर पाटिल ने पूरी सफाई जारी की है। मंत्रालय ने मीडिया सहित सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की पुष्टि कर लें, क्योंकि इससे कृषक समुदाय में अनावश्यक घबराहट या भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की बैठक
दूसरी ओर, केंद्र देश में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने पर चर्चा के लिए 30 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की बैठक करेगा। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह भारत मंडपम में मंथन बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में सरकार की सभी प्रमुख पहलों पर चर्चा होगी, जिसमें अंतिम छोर तक ग्रामीण सेवा वितरण को मजबूत करने के लिए 2 लाख नई बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों, डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियों की स्थापना शामिल है। इसके अलावा सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना पर विचार-विमर्श भी होगा। आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक प्रगति की समीक्षा करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और देश में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी।