Hindi Newsदेश न्यूज़India rejects any link between India Pakistan Ceasefire and tariffs imposed by Trump

सीजफायर के लिए कभी नहीं हुआ व्यापार का जिक्र, ट्रंप के टैरिफ दावों को भारत ने फिर किया खारिज

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने अमेरिकी कोर्ट के सामने दलील दी थी कि राष्ट्रपति की टैरिफ लगाने की शक्तियों को सीमित करने से भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सीजफायर खतरे में पड़ सकता है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 29 May 2025 07:57 PM
share Share
Follow Us on
सीजफायर के लिए कभी नहीं हुआ व्यापार का जिक्र, ट्रंप के टैरिफ दावों को भारत ने फिर किया खारिज

भारत द्वारा टैरिफ के दावों को बार-बार खारिज किए जाने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। बीते सप्ताह ट्रंप प्रशासन ने एक कदम और बढ़ाते हुए एक अमेरिकी कोर्ट में ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का बचाव करते हुए यह तक कह दिया कि टैरिफ की वजह से ही भारत और पाकिस्तान का सीजफायर हुआ और अगर इस शक्ति को सीमित किया गया तो समझौता टूट सकता है। अब ट्रंप सरकार की इन दलीलों को भारत ने स्पष्ट रूप से खारिज किया है।

न्यूयॉर्क की एक अदालत में अमेरिकी सरकार द्वारा किए गए दावों से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीजफायर को लेकर की गई चर्चा में टैरिफ का कभी जिक्र नहीं हुआ। रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम आपको इस मुद्दे पर एक बार फिर अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को पाकिस्तान के साथ सीजफायर को लेकर समझौता होने तक भारत और अमेरिका के बीच बातचीत हुई थी। इन चर्चाओं में टैरिफ के मुद्दे का कभी जिक्र नहीं हुआ।"

जयशंकर ने भारत की स्थिति की है स्पष्ट

रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर यह साफ किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सीधी बातचीत के बाद ही सीजफायर समझौते पर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO स्तर पर हुई बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया था।

अमेरिकी कोर्ट में ट्रंप प्रशासन का क्या दावा

इससे पहले अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और विदेश सचिव मार्को रुबियो ने कोर्ट को बताया था कि ट्रंप वैश्विक मुद्दों पर अच्छी तरह से निपटने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो बेहद जरूरी है। ट्रंप प्रशासन के सबमिशन में कहा गया, “टैरिफ की शक्तियों को सीमित करने वाले फैसले का हर उसे क्षेत्र पर असर होगा, जिसमें आर्थिक साधनों का रणनीतिक प्रभाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान, दो परमाणु शक्तियों के बीच, सिर्फ 13 दिन पहले ही युद्ध हुआ था। 10 मई 2025 को दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ। यह युद्ध विराम राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद ही हो पाया। दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध को टालने के लिए अमेरिका ने व्यापार न करने की चेतावनी दी थी।”

ये भी पढ़ें:टैरिफ जरूरी, वरना टूट सकता है भारत-पाक सीजफायर; ट्रंप सरकार का कोर्ट में दावा
ये भी पढ़ें:टैरिफ पर ट्रंप को झटका, US कोर्ट ने अवैध बताया; भारत-पाक सीजफायर वाला तर्क खारिज
ये भी पढ़ें:भारत नहीं, अमेरिका में आईफोन बनाइए…ट्रंप ने एप्पल CEO को टैरिफ लगाने की दी धमकी

ट्रंप को अदालत से झटका

अमेरिका की अदालत ने ट्रंप की सभी दलीलों को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापक रूप से लगाए गए टैरिफ को प्रभावित होने से रोकते हुए गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति ने टैरिफ लगाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों की सीमा का उल्लंघन किया है। बता दें कि अमेरिका में छोटे व्यवसाय करने वाले कुछ व्यापारियों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ यह मुकदमा दायर किया था।

इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।
अगला लेखऐप पर पढ़ें