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तीन ठिकाने तबाह, 14 वैज्ञानिकों की मौत; क्या ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लग जाएगा ब्रेक?

ईरान और इजरायल के बीच बारह दिनों के बाद मंगलवार सुबह युद्वविराम पर सहमति बन गयी लेकिन इसके बाद भी दोनों देशों ने एक दूसरे पर मिसाइलों से हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ताजा हमलों पर नाराजगी जाहिर की है।

Pramod Praveen एपी, पेरिसTue, 24 June 2025 10:21 PM
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तीन ठिकाने तबाह, 14 वैज्ञानिकों की मौत; क्या ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लग जाएगा ब्रेक?

इजराइल के 12 दिनों के हमलों में ईरान के नुकसान का यदि आकलन किया तो सबसे बड़ी क्षति उसके कम से कम 14 परमाणु वैज्ञानिकों का मारा जाना है जिनकी निगरानी में ईरान का परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ा रहा था। अमेरिका के एक दिवसीय हमले में भी तीन परमाणु ठिकाने तबाह हुए हैं। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला भले ही ईरान को पीछे धकेल सकता है किंतु उसे रोक नहीं पाएगा। फ्रांस में इजराइल के राजदूत जोशुआ जर्का ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि वैज्ञानिकों की मौत और इजराइली व अमेरिकी हमलों में बचे परमाणु ढांचों और सामग्रियों से ईरान के लिए हथियार बनाना लगभग असंभव होगा।

उन्होंने कहा कि पूरे समूह के खात्मे के कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ वर्ष नहीं काफी वर्ष के लिए टल गया है। हालांकि परमाणु विश्लेषकों का यह भी कहना है कि ईरान के पास अन्य वैज्ञानिक हैं जो उनकी जगह ले सकते हैं। यूरोपीय देशों की सरकारों का कहना है कि मात्र सैन्य बल से ईरान की परमाणु प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति को खत्म नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि वे ईरानी कार्यक्रम के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए बातचीत के जरिए समाधान चाहते हैं।

ब्रिटिश विदेश मंत्री क्या बोले?

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में सांसदों से कहा, ‘‘हमले ईरान द्वारा कई दशकों में अर्जित प्रौद्योगिकी जानकारी को नष्ट नहीं कर सकते, न ही उस प्रौद्योगिकी जानकारी का उपयोग करके परमाणु हथियार बनाने की किसी सरकार की महत्वाकांक्षा को नष्ट किया जा सकता है।’’ वैज्ञानिकों की मौत पर नजर डालें तो इनमें रसायनशास्त्री, भौतिकशास्त्री, इंजीनियर शामिल हैं।

पीएचडी करने वालों की नयी पौध होगी सक्षम

जर्का ने ‘एपी’ को बताया कि इजराइली हमलों में कम से कम 14 भौतिकविदों और परमाणु इंजीनियरों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मारे गये लोग ईरान के शीर्ष वैज्ञानिक थे और उसके परमाणु कार्यक्रम के पीछे उनका ही दिमाग था। अमेरिकी विशेषज्ञ एवं पूर्व राजनयिक मार्क फिट्जपैट्रिक ने कहा कि परमाणु कार्यक्रम की रूपरेखा तो आसपास मौजूद ही रहेगी तथा पीएचडी करने वालों की नयी पौध इसका उपयोग करने में सक्षम हो जाएगी।

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परमाणु कार्यक्रम फिर से खड़ा कर लिया जाएगा

उन्होंने कहा कि परमाणु केंद्रों पर बमबारी करना या कुछ लोगों को मारने से इस परमाणु कार्यक्रम को कुछ समय के लिए पीछे धकेल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि दोनों काम एक साथ किए जाते हैं तो यह कुछ और पीछे चला जाएगा, लेकिन इस कार्यक्रम को फिर से खड़ा कर लिया जाएगा। मार्क ने कहा, ‘‘उनके पास शायद अगले स्तर पर विकल्प हैं। हालांकि वे उतने योग्य नहीं हैं लेकिन वे अंततः काम पूरा कर लेंगे।’’

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