जरूरत से ज्यादा बहस करने लगा है बच्चा? बिना चिल्लाए ऐसे करें डील
अगर आप भी अपने बच्चे में यह बदलाव महसूस कर रही हैं तो उसे समय रहते इन 3 तरीकों से डील करने की कोशिश करें। ये 3 असरदार टिप्स आपको इस समस्या को बेहतर तरीके से हैंडल करके बच्चे में सुधार लाने में मदद करेंगे।

बच्चों का स्वभाव से शरारती और मनमौजी होना एक आम बात है। जिसे थोड़ा सा समय और ध्यान देकर ठीक किया जा सकता है। लेकिन समस्या तब होने लगती है, जब बच्चे शरारत के साथ अपने से बड़ों के साथ सामने से बहस और गुस्सा दिखाने लग जाएं। अगर आप भी अपने बच्चे में यह बदलाव महसूस कर रही हैं तो उसे समय रहते इन 3 तरीकों से डील करने की कोशिश करें। ये 3 असरदार टिप्स आपको इस समस्या को बेहतर तरीके से हैंडल करके बच्चे में सुधार लाने में मदद करेंगे।
बच्चे की बहस करने की आदत छुड़वाने के लिए अपनाएं ये टिप्स
धैर्य के साथ बच्चे को सुनें
कई बार पेरेंट्स बिजी होने की वजह से बच्चे की बात बीच में ही काटकर अपना काम करने लग जाते हैं। ऐसे बच्चे अकसर खुद को अकेला और अनदेखा महसूस करते हैं। जिसकी वजह से उनके भीतर गुस्सा भर जाता है। ऐसे बच्चे स्वभाव से गुस्सैल और अपनी बात आसानी से एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं। नतीजतन, बच्चे खुद को सही साबित करने के लिए अकसर मौका मिलते ही माता-पिता से बहस करने लगते हैं। ऐसे में जरूरत है कि आप उनकी पूरी बात सुने। आपके ऐसा करने से बच्चे को लगेगा कि आप उनकी बातों को अहमियत दे रहे हैं।
डांटने की जगह सख्त लहजे में जवाब दें
बच्चा अगर आपके साथ किसी बात को लेकर बहस कर रहा है तो उस पर चिल्लाने या गुस्सा करने की जगह सख्त शब्दों में उसे जवाब दें। इस बात का खास ख्याल रखें कि बच्चे पर ज्यादा चीखने चिल्लाने से वो ढीठ बन सकता है।
तारीफ करें
जब बच्चा आपके साथ बिना बहस किए अपनी बात शांति और तर्क के साथ रखें तो उसकी बात ना सिर्फ ध्यान से सुनें बल्कि इसके लिए उसकी तारीफ भी करें। ऐसा करने से उसका मनोबल मजबूत होगा और वह भविष्य में इस तरह का व्यवहार अपनाने से बचेगा।
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