मां-बाप की बदनामी का कारण बनते हैं ये 5 आदतों वाले बच्चे, परवरिश पर ही सवाल उठाने लगते हैं लोग

कई बार पेरेंट्स बच्चों की कुछ गलत आदतों को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन पेरेंट्स की यही लापरवाही आगे चलकर ना सिर्फ बच्चे के व्यवहार पर असर डालती है, बल्कि कभी- कभी पूरे परिवार की इज्जत को भी मिट्टी में मिलाने का काम करती है।

Anmol Chauhan लाइव हिन्दुस्तानFri, 27 June 2025 09:17 AM
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मां-बाप की बदनामी का कारण बनते हैं ये 5 आदतों वाले बच्चे, परवरिश पर ही सवाल उठाने लगते हैं लोग

बचपन इंसान की जिंदगी की नींव होती है। एक बच्चा अपने बचपन में किस तरह का बिहेवियर सीख या कर रहा है, उसका असर आने वाले फ्यूचर में उसकी पूरी पर्सनालिटी पर पड़ता है। कई बार पेरेंट्स बच्चों की कुछ छोटी-छोटी गलत आदतों को ये सोचकर नजरअंदाज कर देते हैं कि बड़े होने पर वो सुधर जाएगा। लेकिन पेरेंट्स की यही लापरवाही आगे चलकर ना सिर्फ बच्चे के व्यवहार पर असर डालती है, बल्कि कभी- कभी पूरे परिवार की इज्जत को भी मिट्टी में मिलाने का काम करती है। ऐसे में समय रहते ऐसी बिहेवियर की पहचान करना जरूरी है और उसे रोकना भी। आइए जानते हैं।

झूठ बोलने की आदत

अगर बच्चा बार-बार झूठ बोलने लगे, तो ये बहुत ही खराब आदत है। यूं तो शुरू में ये आदत खेल-खेल में या किसी डांट से बचने के लिए होती है, लेकिन अगर बच्चे को समय रहते समझाया ना जाए तो बच्चा धीरे-धीरे इसे सही समझने लगता है। ऐसा बच्चा स्कूल, दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच भरोसेमंद नहीं रहता। बच्चा जब झूठ बोलने लगता है तो इसका असर परिवार की इमेज पर भी पड़ता है। इसलिए बच्चे को सच बोलना सिखाना बहुत जरूरी है, चाहे इसके लिए थोड़ी सख्ती ही क्यों ना करनी पड़े।

बड़ों से बदतमीजी करना

कई बच्चे अपने से बड़ों से बात करते समय शिष्टाचार का ध्यान नहीं रखते। वे चिल्लाकर बोलते हैं या उल्टा जवाब देते हैं। बच्चे की ये आदत बहुत ही खराब होती है। जब कोई बच्चा अपने माता-पिता, दादी-दादा या किसी और बड़े से बदतमीजी करता है, तो लोग पैरेंट्स की परवरिश पर सवाल उठाने लगते हैं। सबको लगता है कि घर में ही बच्चे को ऐसे संस्कार सिखाए जा रहे हैं। ऐसे में ये जरूरी है कि बच्चे को बड़े और छोटे दोनों का लिहाज करना सिखाया जाए।

चुगली करने की आदत

कुछ बच्चों की आदत होती है कि वो बातें इधर-उधर करना सीख जाते हैं। मम्मी ने कुछ कह दिया तो दादी से जा कर कह देना या दादी ने कुछ कह दिया तो मम्मी को आकर बता देना। इस तरह की आदतें भी व्यक्तित्व पर नेगेटिव असर डालती है। जब बच्चे बातें इधर-उधर करने लगते हैं, तो लोग सीधा उनकी पेरेंटिंग पर ही सवाल उठाते है। सबको यही लगता है कि बच्चा घर से ही इस तरह की बातें करना सीखता है। ऐसे बच्चे बाद में बड़े होकर भी इसी तरह की हरकते करते हैं।

दूसरों की नकल करना या मजाक उड़ाना

बच्चे अक्सर किसी की चाल, बोलने के ढंग की नकल करते हैं। जब तक यह नकल पॉजिटिव तरीके से की जाती है, तो ठीक रहती है। लेकिन बच्चे अगर किसी का मजाक उड़ाने लगें, किसी की कमजोरियों की नकल करने लगें, तो ये बदतमीजी और अनकल्चर्ड बिहेवियर की कैटेगरी में आ जाता है। बच्चों की इस हरकत की वजह से पेरेंट्स को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। इसलिए बच्चे अगर इस तरह की हरकत करें तो उन्हें प्यार से समझाएं कि किसी का मजाक उड़ाना गलत है और हर किसी का सम्मान करना चाहिए।

लालच करना

अगर कोई बच्चा हर चीज को लेकर लालच करने लगता है, सब चीज अपने ही पास रखना चाहता हो और दूसरों से बांटना नहीं चाहता तो ये आदत भी आगे चलकर उसकी पर्सनैलिटी को खराब करती है। ऐसे बच्चे धीरे-धीरे सेल्फिश होने लगते हैं, जो सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। इन्हें दूसरों की परवाह नहीं होती है। इसलिए बचपन से ही बच्चे को शेयरिंग और केयरिंग का पाठ पढ़ाना चाहिए।

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