ट्रंप का सीजफायर बेअसर, ईरान के ताबड़तोड़ हमले में 4 इजरायली मरे; बंद करना पड़ा हवाई क्षेत्र
इजरायल ने ईरान की ओर से देश को निशाना बनाकर किए गए मिसाइल हमलों को लेकर लोगों को सतर्क किया। हालांकि ट्रंप ने घोषणा की थी कि ‘पूर्ण संघर्षविराम’ हो गया है। लेकिन दोनों ही देशों ने कोई बयान जारी नहीं किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर वाले दावे को ईरान ने ताबड़तोड़ मिसाइल हमलों से ध्वस्त कर दिया। मंगलवार सुबह ईरान ने इजरायल के बीरशेबा शहर में एक रिहायशी इमारत पर बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जिसमें चार इजरायली नागरिकों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। हमले के बाद इजरायल में हड़कंप मच गया और देश भर में सायरन बजने लगे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इजरायल को अपना हवाई क्षेत्र अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
बीरशेबा में ईरान के हमले में चार लोगों की मौत: इजराइल की आपात सेवा
इजरायल के बीरशेबा शहर में ईरान के एक मिसाइल हमले से प्रभावित इमारत से दमकलकर्मियों ने चार लोगों के शव बरामद किए हैं। आपात सेवा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ईरान ने दक्षिणी इजरायल के सबसे बड़े शहर को सीधे सीधे निशाना बनाकर यह मिसाइल हमला किया था। कुछ दिन पहले ईरान के हमले में इसी शहर के अस्पताल को भारी नुकसान पहुंचा था। खोज और बचाव दल ने कहा कि उन्होंने बीरशेबा में एक इमारत से चार शवों को बरामद किया और अन्य लोगों की तलाश जारी है।
इजरायल का हवाई क्षेत्र अगले आदेश तक उड़ानों के लिए बंद
इजरायल विमानपत्तन प्राधिकरण ने कहा कि ईरान के हमलों के कारण उन्हें देश के हवाई क्षेत्र को उन सभी यात्री विमानों के लिए बंद करना पड़ा है, जो मंगलवार को इजराइल के हवाई अड्डों पर उतरने या उनसे से प्रस्थान करने वाले थे। इनमें आपातकालीन उड़ानें भी शामिल हैं। इजरायल के मीडिया के अनुसार, कुछ उड़ानों को भूमध्य सागर के ऊपर चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। ईरान के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल के हवाई अड्डे बंद हैं, लेकिन पिछले कुछ दिन में कुछ आपातकालीन उड़ानें आनी-जानी शुरू हो गईं थीं।
ट्रंप का दावा बेअसर
ट्रंप ने सोमवार देर रात अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर दावा किया था कि इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन से चल रही जंग को रोकने के लिए दोनों देशों ने चरणबद्ध युद्धविराम पर सहमति जता दी है। उन्होंने कहा था कि मंगलवार आधी रात से सीजफायर शुरू हो जाएगा, जिसमें पहले ईरान और फिर इजरायल हमले रोकेंगे। हालांकि, ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने ट्रंप के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। अराघची ने शर्त रखी कि अगर इजरायल सुबह 4 बजे तक हमले बंद करता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा।
लेकिन, ट्रंप के ऐलान के कुछ घंटों बाद ही ईरान ने इजरायल पर छह बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिसने मध्य पूर्व में शांति की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने बताया कि मिसाइलों को रोकने के लिए उनके रक्षा तंत्र सक्रिय थे, लेकिन बीरशेबा में एक मिसाइल ने भारी नुकसान पहुंचाया। हमले के बाद तेल अवीव और यरुशलम में भी धमाकों की आवाजें सुनी गईं।
दूसरी ओर, ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे अल-उदीद पर भी 19 मिसाइलें दागीं, हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ क्योंकि ईरान ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था। कतर, कुवैत और अन्य खाड़ी देशों ने हमले के बाद अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए, हालांकि बाद में कतर ने इसे फिर से खोल लिया।
"हमलों ने इजरायल को सीजफायर के लिए मजबूर किया"
ईरान के सरकारी मीडिया ने दावा किया कि उनके हमलों ने इजरायल को सीजफायर के लिए मजबूर किया, जबकि इजरायल ने अभी तक ट्रंप के दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पहले दावा किया था कि ईरान ने ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी, जिसे ट्रंप ने भी गंभीरता से लिया। मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है। इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 10 शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो चुकी है। वहीं, ईरान ने तेल अवीव और यरुशलम को निशाना बनाया। दोनों देशों के बीच 13 जून से शुरू हुई जंग में अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं।
(इनपुट एजेंसी)
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