खामेनेई के उत्तराधिकारी की तलाश तेज, ईरान का सुप्रीम लीडर बनने की रेस में कौन से दो नाम आगे
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी की तलाश तेज हो गई है। इस काम के लिए बनी कमेटी में शामिल उलेमाओं ने अपना अभियान तेज कर दिया है। इस रेस में फिलहाल दो नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी की तलाश तेज हो गई है। इस काम के लिए बनी कमेटी में शामिल उलेमाओं ने अपना अभियान तेज कर दिया है। अपने रिप्लेसमेंट के लिए बनी इस यह तीन उलेमाओं की इस कमेटी का गठन खुद खामेनेई ने दो साल पहले किया था। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक इजरायल द्वारा ईरान पर हमले और खामेनेई को खत्म करने की धमकी के बाद इस प्रक्रिया में और तेजी आई है। बताया जाता है कि 86 साल के खामेनेई को भी उत्तराधिकारी की तलाश को लेकर लगातार अपडेट किया जा रहा है। इस रेस में फिलहाल दो नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
बढ़ा दी गई है सुरक्षा
सिर्फ इतना ही नहीं, खामेनेई की सुरक्षा भी कई गुना बढ़ा दी गई है। रॉयटर्स के मुताबिक नाम न छापने की शर्तों पर कुछ सूत्रों ने बताया कि खामेनेई को परिवार सहित एक बेहद गुप्त स्थान पर रखा गया है। यहां पर उनकी सुरक्षा में रिवॉल्यूशनरी गार्ड की स्पेशल फोर्स यूनिट वाली-ये अम्र को तैनात किया गया है। अगर खामेनेई मारे जाते हैं कि ईरानी सत्ता तत्काल उनके उत्तराधिकारी के नाम का ऐलान कर देगी। ऐसा इसलिए किया जाएगा कि ईरान में स्थिरता बनी रहे।
इस कसौटी पर खरा उतरना होगा
नए नेता का चयन ईरान के दिवंगत संस्थापक अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमेनी के क्रांतिकारी सिद्धांतों के प्रति उसकी निष्ठा के आधार पर किया जाएगा। खामेनेई के ऑफिस के करीबी और उत्तराधिकार संबंधी चर्चाओं की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने यह जानकारी दी। इसके साथ-साथ ईरानी सत्ता के शीर्ष पदों पर बैठे लोग यह भी देख रहे हैं कि कौन सा उम्मीदवार विदेशी हमलों और आंतरिक विद्रोहों से निपटने में सक्षम मॉडरेट चेहरा हो सकता है।
यह दो नाम रेस में सबसे आगे
अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक खामेनेई की जगह लेने के लिए दो नाम सबसे आगे चल रहे हैं। इनमें एक तो खामेनेई का 56 साल का बेटा मोज्तबा है। वह काफी लंबे समय से इस रेस का हिस्सा है। वहीं, एक नया उम्मीदवार हसन खुमेनी के रूप में उभरा है। हसन खुमेनी ईरान के संस्थापक अयातुल्ला खुमेनी का पोता है। सूत्रों के मुताबिक खुमेनी, सामाजिक और राजनीतिक प्रतिबंधों को ढील देने के पक्षधर सुधारात्मक ग्रुप का करीबी है। हालांकि अपनी जड़ों के चलते उसे वरिष्ठ धार्मिक नेताओं और रिवॉल्यूशनरी गार्ड में सम्मान हासिल है। अमेरिका ने जब ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की थी तो खुमेनी ने सुप्रीम लीडर के पक्ष में बयान भी जारी किया था।
खुमेनी का दावा कैसे मजबूत
सूत्रों का कहना है कि खुमेनी ईरान का सुप्रीम लीडर बनने के लिए एक गंभीर उम्मीदवार है। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि अपने नरम रवैये के चलते मोज्तबा खामेनेई की तुलना में खुमेनी अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर अधिक कारगर साबित हो सकते हैं। इसके उलट, खामेनेई अपने पिता की हार्डलाइन पॉलिसीज के काफी करीब हैं। हालांकि अभी तक कुछ तय नहीं हुआ है और उम्मीदवार बदल भी सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक अंतिम फैसला सुप्रीम लीडर ही करेंगे।
अन्य उम्मीदवार रह गए पीछे
कई उम्मीदवार जिन्हें खमेनेई के संभावित उत्तराधिकारियों के रूप में लंबे समय से देखा जा रहा था, पहले ही मर चुके हैं। पूर्व राष्ट्रपति हाशेमी रफसंजानी का निधन 2017 में हुआ। पूर्व न्यायपालिका प्रमुख महमूद हाशेमी शाहरोदी की भी 2018 में मौत हो गई। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी 2024 में हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गए। एक अन्य वरिष्ठ धार्मिक नेता सादेग अमोली किनारे लगा दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि विशेषज्ञों की सभा के सदस्य आयतुल्ला अलीरेजा अराजी, अभी भी दौड़ में हैं। लेकिन मोज्तबा मेनेई और हसन खुमेनी से पीछे रह गए हैं।
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