Hindi Newsविदेश न्यूज़Rajnath Singh Special gift to China Defence Minister A Madhubani Painting during SCO Summit

राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षामंत्री को दिया स्पेशल तोहफा, क्या है इसकी खासियत

राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष को एक खास तोहफा दिया है। राजनाथ सिंह एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून को यह खास तोहफा दिया।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगFri, 27 June 2025 09:16 AM
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राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षामंत्री को दिया स्पेशल तोहफा, क्या है इसकी खासियत

राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष को एक खास तोहफा दिया है। राजनाथ सिंह एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून को यह खास तोहफा दिया। यह तोहफा है बिहार की मधुबनी पेंटिंग। इस पेंटिंग की जड़ें बिहार के मिथिला क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। इसे मिथिला या मधुबनी आर्ट के रूप में भी जाना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें रेखा चित्र होते हैं जो चमकीले रंगों और कंट्रास्ट पैटर्न से भरे होते हैं। ये पेंटिंग्स अपनी ट्राइबल आकृतियों और चमकीले मिट्टी के रंगों के उपयोग के चलते बेहद लोकप्रिय हैं।

सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे
सिंह एससीओ के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहाकि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं। सिंह ने कहाकि और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद है। सिंह ने कहाकि शांति-समृद्धि और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि सरकार से इतर तत्वों और आतंकवादी समूहों के हाथों में सामूहिक विनाश के हथियार सौंपने के साथ भी शांति कायम नहीं रह सकती।

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संयुक्त वक्तव्य पर दस्तखत से इनकार
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले को नजरअंदाज करने और सीमा पार से होने वाले पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के प्रति भारत की चिंताओं पर कदम नहीं उठाने को लेकर गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में सिंह ने इस आतंकी हमले को वक्तव्य में शामिल करने की मांग की, जबकि पाकिस्तानी पक्ष ने बलूचिस्तान में चरमपंथी गतिविधियों पर एक पैराग्राफ शामिल करने पर जोर दिया, जो स्पष्ट रूप से भारत पर आरोप लगाने का प्रयास था।

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