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तेल के समुद्री रास्ते से परहेज, होर्मुज स्ट्रेट से आखिर क्यों लौट गए दो जहाज; क्या है पूरा मामला

ईरान ने अपने परमाणु ठिकाने पर हमले के बाद होर्मुज स्ट्रेट बंद करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। यह दुनिया भर के विभिन्न देशों के तेल व्यापार का रास्ता है। ईरान-इजरायल में बढ़ते तनाव के बीच तेल के जहाजों ने इस रास्ते पर एहतियात बरतना शुरू कर दिया है।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, तेहरानMon, 23 June 2025 01:10 PM
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तेल के समुद्री रास्ते से परहेज, होर्मुज स्ट्रेट से आखिर क्यों लौट गए दो जहाज; क्या है पूरा मामला

ईरान ने अपने परमाणु ठिकाने पर हमले के बाद होर्मुज स्ट्रेट बंद करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। यह दुनिया भर के विभिन्न देशों के तेल व्यापार का रास्ता है। ईरान-इजरायल में बढ़ते तनाव के बीच तेल के जहाजों ने इस रास्ते पर एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। सोमवार को दो मिलियन बैरल कच्चे तेलों की क्षमता वाले सुपरटैंकर्स बीच रास्ते से ही वापस लौट गए। कॉसविज्डम लेक और और साउथ लॉयल्टी नाम के यह दोनों सुपरटैंकर्स कच्चा तेल लेने के लिए होर्मुज स्ट्रेट से गुजरने वाले थे। लेकिन रविवार को अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर बमबारी के बाद हालात बदल चुके हैं। ईरान ने इस समुद्री रास्ते को बंद कर दिया है, जिससे तेल की सप्लाई में बाधा आने की आशंकाएं गहराने लगी थीं। इसका असर नजर भी आने लगा है।

देशों ने जारी किया आदेश
जहाजों के मालिक और व्यापारी मिडिल ईस्ट के हालात पर नजर रखे हुए हैं। ग्रीस की शिपिंग मिनिस्ट्री ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें शिप्स को आदेश दिया गया है कि वह नाप-तोलकर ही मूवमेंट करें। इन जहाजों को होर्मुज से गुजरने से मना किया गया है और कहा गया है कि हालात सामान्य होने तक किसी सुरक्षित बंदरगाह पर जहाज रोक लें। ऐसा संभव है कि जहाज लंबे तनाव को देखते हुए कुछ समय तक इंतजार करेंगे।

क्या है होर्मुज स्ट्रेट
होर्मुज स्ट्रेट अपने आप में बेहद अहम है। यह फारस की खाड़ी को अरब सागर और हिंद महासागर से जोड़ता है। यह रास्ता दुनिया भर के तेल व्यापार का एक महत्वपूर्ण कॉरिडोर है। होर्मुज स्ट्रेट से दुनिया के 20 फीसदी तेल और 25 फीसदी प्राकृतिक गैस की ढुलाई होती है। भारत के लिए भी काफी अहम है। भारत इस रास्ते से हर दिन करीब 20 लाख बैरल कच्चा तेल इंपोर्ट करता है।

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भारत के पास कितना स्टॉक
इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि कि तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और चौथे सबसे बड़े गैस खरीदार भारत के पास कई हफ्तों की जरूरतें पूरा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा आपूर्ति है और उसे कई मार्गों से आपूर्ति प्राप्त हो रही है। मंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखी एक पोस्ट में कहाकि सरकार पिछले दो सप्ताह से पश्चिम एशिया में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।

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