ट्रंप का ख्वाब या सच होने जा रहा खामेनेई दांव? ईरान में सत्ता परिवर्तन कितना आसान, एक्सपर्ट क्या बोले
Iran Israel War: इजरायल ने सोमवार को तेहरान में ईरानी सरकार के ठिकानों पर कई हमले किए, वहीं इजरायली सेना ने भी पुष्टि की कि उसने ईरान के फोर्दो परमाणु ठिकाने तक पहुंच को बाधित करने के लिए आसपास की सड़कों पर हमले किए।

Israel-Iran War: रविवार को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर मिसाइलों और 30,000 पाउंट के बंकर-बस्टर बमों से हमला किया। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब तेहरान में ‘सत्ता परिवर्तन’ की बात कही है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान में सत्ता परिवर्तन की संभावना उतनी सरल नहीं हो सकती, जितनी ट्रंप सोच रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, तेहरान में खामेनेई शासन की जगह किसी और शासन की ताजपोशी वाशिंगटन के सपनों और कल्पना के अनुरूप होने की संभावना नहीं के बराबर है।
इसके साथ ही विशेषज्ञों ने ये भी चेतावनी दी है कि अगर ईरान में सत्ता परिवर्तन हुआ तो ऐसी सरकार मिलने की कोई गारंटी नहीं है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका या इजरायल के इशारों पर नाचने वाला हो। CNN की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर जोर-जबर्दस्ती से तेहरान में सत्ता परिवर्तन होता है तो वह सभवतः और अधिक आक्रामक लोगों के लिए द्वार खोलने वाला हो सकता है, जो अमेरिकी और इजरायली हमलों से हुए विनाश के बाद अंतिम निवारक के रूप में परमाणु बम की ओर और तेजी से दौड़ सकते हैं।
खामेनेई की हत्या के बाद ही बदलाव संभव?
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान में सत्ता परिवर्तन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या होने के बाद ही संभव हो सकता है। विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर ऐसा होता है तो शासन की विफलता भी एक बड़ा जोखिम हो सकता है, जिसे वॉशिंगटन के अधिकारियों को ध्यान में रखना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे ईरान के विभाजन का भी खतरा पैदा होने की आशंका है और अगर ऐसा होता है तो मध्य पूर्व में इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है।
ईरान में पसर सकता है अराजकता
रिपोर्ट में एक और परिणाम की चर्चा की गई है। इसमें कहा गया है कि यह भी हो सकता है कि खामेनेई के बाद ईरानी सेना ही सत्ता संभाल ले। वॉशिंगटन डीसी में क्विंसी इंस्टीट्यूट की कार्यकारी उपाध्यक्ष त्रिता पारसी ने सीएनएन को बताया कि ईरान में उस तरह का शासन नहीं स्थापित हो सकता है, जैसा कि अमेरिका सोचता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, “ईरान सत्ता और स्वतंत्रता के लिए लंबे समय से चल रहे अलगाववादी आंदोलनों का केंद्र रहा है। अगर ईरान में सरकार गिरती है तो उसे आंतरिक विखंडन और अराजकता का सामना करना पड़ सकता है।”
खामेनेई ने तीन उत्तराधिकारी नामित किए
बता दें कि ईरानी सर्वोच्च नेता को 88 सदस्यीय विशेषज्ञों की एक सभा द्वारा आजीवनकाल के लिए चुना जाता है। आधिकारिक तौर पर उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं चुना जाता है लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स ने मामले से परिचित तीन ईरानी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि खामेनेई ने शनिवार को तीन वरिष्ठ मौलवियों को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया है। खामेनेई का यह कदम अलगाववादी समूह की कोशिशों को कमजोर करने के लिए उठाया गया है जो लंबे समय से इस्लामिक गणराज्य के शासन से नाराज हैं,और वैसे मौके की तलाश में हैं, जब सत्ता पर काबिज हो सकें।
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